नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने PM Kisan Yojana के लिए आंवटित राशि में कटौती का ऐलान किया था. बजट कम होने के बाद से ही सरकार ने योजना का लाभ उठा रहे अपात्र किसानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सरकार अपात्र किसानों से किस्त का पैसा वापस लेने की तैयारी कर रही है. अपात्र किसान इस योजना का लाभ न उठा सकें, इसलिए सरकार ने योजना के नए लाभार्थियों को लेकर कुछ कड़े नियम जारी किए हैं.
योजना के लाभ के लिए म्यूटेशन जरूरी
सरकार ने PM Kisan Yojana में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है. अब इस योजना का लाभ किसानों को तभी मिल सकेगा, जिनके पास स्वयं के नाम पर आंवटित कृषि भूमि नहीं है. नए नियमों के अनुसार, अब उन किसानों को PM Kisan Yojana का लाभ नहीं मिलेगा, जो अपने दादा-परदादा की जमीन में एलपीसी के आधार पर ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. देश में ऐसे किसानों की संख्या बहुत अधिक है, जिन्होंने कृषि भूमि का अपने नाम पर म्यूटेशन नहीं कराया है. हालांकि इन नए नियमों का प्रभाव योजना से जुड़े पुराने लाभार्थियों पर नहीं पड़ेगा.
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अब प्लाट नंबर होगा जरूरी
देश में कई किसान परिवार ऐसे हैं, जिनकी कृषि भूमि संयुक्त है. ऐसे किसान अब तक अपने हिस्से की खातियानी जमीन के आधार पर PM Kisan Samman Nidhi योजना का लाभ उठा रहे थे. अब किसानों को अपने हिस्से की जमीन अपने नाम पर करानी होगी, तभी वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. PM Kisan Yojana के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे नए आवेदकों को अब आवेदन फॉर्म में अपनी जमीन के प्लाट नंबर का उल्लेख भी करना होगा.
कब आएगी आठवीं किस्त
अब तक इस योजना की सात किस्तें जारी हो चुकी हैं. कई किसानों के खातों में यह सातवीं किस्त पहुंच भी चुकी है. मार्च महीने के अंत तक इस योजना की आठवीं किस्त भी जारी की जा सकती है. गौरतलब है कि, इस योजना के तहत हर किसान को सालाना 6,000 की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है.
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