नई दिल्ली: PM Kisan Yojana के तहत देश के किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत हर किसान को हर चार माह के अंतराल पर 2,000 रुपये की किस्त दी जाती है. हाल के दिनों में, इस योजना की सातवीं किस्त भी जारी कर दी गई है. अब तक लगभग 11.47 करोड़ किसानों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है. PM Kisan Yojana के तहत कुछ ऐसे लोगों को भी आर्थिक मदद का लाभ मिल रहा है, जो इस योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं हैं. सरकार अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने जा रही है.
किन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ
- यदि कोई किसान खेती करता है, लेकिन कृषि भूमि उसके नाम पर न होकर उसके किसी परिवार के सदस्य के नाम पर है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता है.
- अगर कोई किसान किराए की जमीन पर खेती करता है, तो वह भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेगा.
- ऐसे किसान जिन्होंने PM Kisan Yojana के तहत अपनी सांस्थानिक जमीन का ब्यौरा दिया है, वह भी इस योजना का लाभ उठाने के अधिकारी नहीं होंगे.
- अगर कोई किसान कभी भी किसी तरह के संवैधानिक पद पर रहा है, तो वह भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता है.
- केंद्र अथवा राज्य सरकार में मंत्री, सांसद अथवा विधायक रहे लोगों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.
- किसी भी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त कर्मचारी भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे.
- 10,000 रूपये से अधिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.
- यदि कोई व्यक्ति डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चाटर्ड अकाउंटेंट अथवा आर्किटेक्ट जैसे पद पर कार्यरत है, तो वह भी इस योजना का लाभ उठाने का अधिकारी नहीं होगा.
- यदि किसी व्यक्ति ने पिछले वर्ष में आयकर रिटर्न भरा है, तो वह भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेगा.
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अपात्र लोगों से होगी वसूली
PM Kisan Yojana के तहत किसानों को जोड़ने का कार्य राज्य सरकारों का है. राज्य सरकारें किसानों द्वारा दी गई जानकारी की सत्यता की जांच करने के लिए सर्वे भी करवाती हैं. PM Kisan Yojana के तहत आर्थिक मदद का लाभ ले रहे किसानों की पात्रता की जांच का अधिकार क्षेत्र के राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है.
राजस्व विभाग के अधिकारी को यदि PM Kisan Yojana का लाभ उठा रहे किसानों द्वारा दी गई जानकारी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है, तो वह उस व्यक्ति पर कार्रवाई कर सकता है. किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर अभियुक्त से रिकवरी किए जाने का प्रावधान है. अपात्र लोगों को सरकार द्वारा नोटिस भेजा जाता है, जिसमें उन्हें अपनी पात्रता को सिद्ध करना होता है.
अगर किसान अपनी पात्रता करने में सफल नहीं होता है, तो उससे दी गई रकम वसूल की जाती है. रकम की वसूली के अतिरिक्त अपात्र व्यक्ति से आर्थिक दंड भी वसूला जा सकता है. यदि कोई अपात्र व्यक्ति नोटिस से पहले स्वयं ही किसान सम्मान निधि की राशि वापस कर देता है, तो उस पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाता है.
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