Retail Inflation: चार महीनों में महंगाई उच्चतम स्तर पर पहुंची, आम आदमी पर पड़ रहा असर

महंगाई की मार: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर, 2023 में 5.55 प्रतिशत और दिसंबर, 2022 में 5.72 प्रतिशत रही थी. इससे पहले, बीते साल अगस्त में मुद्रास्फीति 6.83 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गयी थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 12, 2024, 07:15 PM IST
  • RBI के लिए भी बढ़ सकती है परेशानी
  • पिछले महीनों में खानेपीने की चीजों के रेट बढ़े
Retail Inflation: चार महीनों में महंगाई उच्चतम स्तर पर पहुंची, आम आदमी पर पड़ रहा असर

महंगाई की मार: एक बार फिर महंगाई बढ़ रही है. नए आंकड़ों के मुताबिक, खानेपीने का सामान महंगा हो गया है, जिससे आम आदमी पर काफी असर पड़ रहा है. लोगों की जेबों पर बोझ बढ़ता जा रहा है. खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने बढ़कर चार महीनों के उच्च स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गयी. ऐसे में गरीब व मध्यम परिवारों के लिए भी परेशान बढ़ गई है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर, 2023 में 5.55 प्रतिशत और दिसंबर, 2022 में 5.72 प्रतिशत रही थी. इससे पहले, बीते साल अगस्त में मुद्रास्फीति 6.83 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गयी थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर महीने में बढ़कर 9.53 प्रतिशत हो गयी हो गयी जो इससे पिछले महीने 8.7 प्रतिशत और एक साल पहले के इसी महीने में 4.9 प्रतिशत थी.

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. उसे मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. अब अगर ऐसे महंगाई बढ़ेगी तो RBI के लिए भी परेशानी बढ़ सकती है.

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