नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर से अमेरिका में हालात अब बेहद खराब होते जा रहे हैं. मात्र दो दिन में ही मौतों का आंकड़ा दो गुना हो गया है. आलम ये है कि इस महामारी का सबसे से ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क है. शहर की सड़कों पर एम्बुलेंस 9/11 हमले की तरह की तरह भाग रही हैं.
अमेरिका में कोरोना से हो सकती है 1 लाख से ज्यादा मौतें
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो सप्ताह में देश में सबसे ज्यादा मौतें होंगी. बताया जा रहा है कि मौतों का यह आंकड़ा 1 लाख को पार कर सकता है.
स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी ने मौत की आशंका जताई
अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी ने ये बयान देकर ट्रंप सरकार की नींद उड़ा दी है कि कोरोना संक्रमण से अमेरिका में मरने वालों की संख्या 1 लाख से ऊपर पहुंच सकती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिज़ीज़ यानि NIAID के डायरेक्टर डॉ एंथनी फौसी का ये अनुमान बेहद डराने वाला है.
अगर ऐसा सच में हुआ तो अमेरिका में तबाही मच जाएगी. मौजूदा समय में अमेरिका में करीब डेढ़ लाख कोरोना पोजोटिव के मरीज हैं. जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 2500 के करीब पहुंच चुकी है.
अपने हथियारों और मजबूत अर्थव्यवस्था के दम पर अमेरिका ने बाकी दुनिया पर खूब धाक जमाया. लेकिन कोविड-19 के सामने उसकी तमाम कोशिशें फीकी पड़ रही हैं और कोरोना संक्रमण के मामले में ये चीन से कहीं आगे निकल गया है.
अमेरिका की राज्यवार स्थिति पर नजर डालें तो
न्यूयॉर्क में 59 हज़ार 648 के पाजिटिव मिल चुके हैं जिनमें 950 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और एक्टिव मरीजों की संख्या 55 हज़ार के करीब है. जबकि न्यू जर्सी में कुल संख्या 13 हज़ार 386 के पास है. इनमें मरने वालों की संख्या 161 से ज्यादा हो चुकी है और एक्टिव केस 13 हजार 225 से ज्यादा हैं.
कैलिफोर्निया में कुल पॉजिटिव मरीज 6 हज़ार 312 के ऊपर पहुंच गयी हैं, जिसमें 130 से ज्यादा की मौत हो चुकी है और 6 हज़ार 160 के करीब एक्टिव पेशेंट हैं. मिशीगन में भी कुल पॉजिटिव केस 6 हज़ार 312 के करीब हैं. 131 की मौत हो चुकी है और 8 हजार 160 एक्टिव केस हैं.
ये आंकड़े सिर्फ उन 4 राज्यों के हैं. जिनमें पॉजिटिव केसेस की संख्या 5 हज़ार के ऊपर है.
अमेरिका की लापरवाही के चलते हुआ ये अंजाम
आंकड़ों के जरिए आपने ये जाना कि सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले न्यूयार्क में आए हैं. लेकिन अभी तक प्रशासन ने न्यूयार्क सिटी को लॉक़ाउन नहीं किया है. जबकि भारत पर नजर डालें तो पूरे भारत को 25 मार्च से ही लॉक डाउन किया जा चुका है.
अमेरिकी सरकार ने शुरुआत में भी कोरोनो को लेकर लापरवाही दिखाई थी. जिसका नतीजा है कि आज अमेरिका के हर राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. ट्रंप ये भी कहा की आने वाले वक्त में लोग Depression और drug addiction की वजह से भी जान दे सकते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना ने लोगों को दहलाया
हालात ये हैं कि इस वायरस ने अमेरिका के डेट्रायट, न्यू ऑरलीन्स और शिकागों में भी अपनी जड़ें जमा ली हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी पहुंच हो गई है. जानकारों का मानना है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या अमेरिका में कहीं अधिक हो सकती है. क्योंकि अभी तक यही तय नहीं हो सका है कि किन शवों को गिना जाए, किन्हें नहीं. क्योंकि कई देश नर्सिंग होग और घरों में हुई मौत को नहीं जोड़ रहे.
इस दौरान राहत की एक खबर ये है कि अमेरिकी डॉक्टर ब्ल़ड प्लाज़मा तकनीक से कोरोना को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. ह्यूस्टन के एक अस्पताल में कोविड-19 से ठीक हुए मरीज के खून का प्लाज्मा एक दूसरे बीमार पर चढ़ाया गया है. इसे कोनवालेस्सेंट सीरम थेरैपी कहते हैं, जिसे 1948 में स्पैनिश फ्लू महामारी के दौरान इजाद किया गया था.
इसे भी पढ़ें: युद्धों में होता रहा है रासायनिक और जैविक हथियारों का इस्तेमाल! पढ़ें, इतिहास
लेकिन अगर स्वास्थ्य विभाग के इस अफसर की बात पर यकीन किया जाए. तो अमेरिका में इस महामारी के भयंकर परिणाम होने वाले हैं. जिसे लेकर ट्रंप प्रशासन को बड़े कदम उठाने पड़ेंगे.
इसे भी पढ़ें: कोरोना की कृपा, भर रहा है ओजोन लेयर का छेद
इसे भी पढ़ें: टेलिकॉम कंपनियां मिलकर कर रही है काम, ग्राहकों को मिलेगी राहत