दोहाः CAA का समर्थन किया तो डॉक्टर को छोड़नी पड़ी नौकरी

दोहा में नसीम हेल्थ केयर ग्रुप में आर्थोपेडिक एक्सपर्ट डॉक्टर अजित श्रीधरन कहते हैं कि फेसबुक पोस्ट में लोगों द्वारा हॉस्पिटल का बहिष्कार करने की धमकी मिलने के बाद उन्हें वापस आना पड़ा. उन्होंने कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की भी निंदा की. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 24, 2019, 08:34 PM IST
दोहाः CAA का समर्थन किया तो डॉक्टर को छोड़नी पड़ी नौकरी

नई दिल्लीः देशभर में नागरकिता संशोधन कानून को लेकर तो हिंसा जारी है, इसकी आग अब खाड़ी देशों तक भी पहुंच रही है और असर डाल रही है. नया मामला कतर का है. यहां केरल के एक डॉक्टर को नागरकिता कानून का समर्थन करने पर नौकरी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. दरअसल हुआ ऐसा कि डॉ. ने नागरिकता कानून के समर्थन में फेसबुक पोस्ट डाली थी, जिस पर बवा हो गया था. इसके चलते उसे घर वापस आना पड़ा

कानून के विरोधी की निंदा की
दोहा में नसीम हेल्थ केयर ग्रुप में आर्थोपेडिक एक्सपर्ट डॉक्टर अजित श्रीधरन कहते हैं कि फेसबुक पोस्ट में लोगों द्वारा हॉस्पिटल का बहिष्कार करने की धमकी मिलने के बाद उन्हें वापस आना पड़ा. उन्होंने कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की भी निंदा की. 

देश बनाया जा रहा अराजक माहौल
डॉक्टर अजित ने मलयालम भाषा में की गई अपनी पोस्ट में लिखा, ‘ये मुद्दा नागरिकता संशोधन बिल का नहीं है बल्कि मांग है कि मोदी सरकार को सत्ता से निकाला जाए. एक समुदाय को गुमराह करके दंगा पैदा करें, जिसे आसानी से उकसाया जा सकता है, और इस तरह यह भावना पैदा की जा सकती है कि देश में अराजकता का माहौल है. 

दबाव की बात नकारी
हालांकि डॉक्टर श्रीधर ने साफ किया कि नौकरी छोड़ने के लिए हॉस्पिटल प्रशासन की तरफ से उनके ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा, ‘हॉस्पिटल का बहिष्कार करने की धमकी के चलते मैंने यह निर्णय लिया. मुझे निजी तौर पर किसी ने धमकी नहीं दी. वहीं जैसे-जैसे हालात खराब हो रहे थे, मैंने अपना अकाउंट बंद कर दिया और लोल्लम वापस लौट आया. 

उल्लेखनीय है कि नागरिकता कानून पर इस्लामिक सहयोग संगठन (आईओसी) ने भी प्रतिक्रिया दी. संगठन ने बीते रविवार को कहा कि वह भारत में मुसलमानों को प्रभावित करने वाले ताजा घटनाक्रमों की नजदीक से निगरानी कर रहा है. इसके साथ ही संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून एवं अयोध्या फैसले पर चिंता जाहिर की.

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