फंडिंग की कटौती और ट्रम्प Vs डब्ल्यूएचओ

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर WHO की प्रतिक्रिया सामने आई है, इस ग्लोबल ऑर्गेनाइज़ेशन के अधिकारी ने कहा है कि - यह समय फंडिंग में कटौती करने का नहीं है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 8, 2020, 11:12 PM IST
    1. डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी WHO को धमकी
    2. पर WHO के अधिकारी ने दी प्रतिक्रिया
    3. पेश की सफाई, "चीन केंद्रित नहीं है WHO"
फंडिंग की कटौती और ट्रम्प Vs डब्ल्यूएचओ

नई दिल्ली: ऐसा नहीं है कि डोनाल्ड ट्रम्प को विवादों में रहने का शौक है, किन्तु आजकल जो विवाद उनके नाम से जुड़ रहे हैं उनके पीछे दो वजह साफ़ तौर पर नज़र आती हैं, एक तो अमरीका पर कोरोना के हमले का दबाव और दूसरा इस हमले से निपटने में सफलता न मिल पाने का तनाव. इस कारण जल्दबाज़ी और हताशा उन पर हावी होती नज़र आ रही है.

डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी WHO को धमकी

हाल ही में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ से नाराज हो कर एक विवाद पैदा करने वाला बयान दे दिया है. ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को चीन केंद्रित बताया और कहा कि वे WHO को दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग रोक देंगे.

कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में डोनाल्ड ट्रम्प का आरोप भी कोरोना को लेकर है और उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा है कि  डब्ल्यूएचओ चीन का समर्थक है और मदद तो हमसे लेता है, लेकिन हमारे द्वारा लगाए यात्रा प्रतिबंधों से असहमति जताता है.

पर WHO के अधिकारी ने दी प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप के गुस्से को विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयान ने जायज़ ठहरा दिया. और इस बयान के बाद से अमरीकी आरोप में भी सत्यता नज़र आने सी लगी है. अमरीकी राष्ट्रपति की WHO का फंड रोकने की धमकी के बाद WHO के अधिकारियों ने कहा है कि आज के हालात को देखते हुए यह फंडिंग रोकने का समय नहीं है.

"चीन केंद्रित नहीं है WHO"

WHO के अधिकारियों ने इस वैश्विक स्वास्थ्य संगठन को 'चीन केंद्र‍ित' संस्‍था मानने से इंकार करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति के आरोप को ख़ारिज कर दिया है. लेकिन सच तो ये है कि बात सिर्फ अमेरिका की नहीं है, आज के कोरोना वायरस से बेकाबू हो रहे हालात से गुजर रहे कई देशों ने इस WHO के विरुद्ध आवाज़ उठाई है.

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जापान की अंतर्राष्ट्रीय छवि गैर-विवादित है ऐसे में जब हाल ही में जापान ने भी चीन को लेकर डब्ल्यूएचओ के नजरिये पर सवाल उठाये, तो उससे भी अमरीकी आरोप में दम दिखाई दिया. जापान के उप-प्रधानमंत्री तारो असो ने तो यहां तक कह दिया कि इस विश्व स्वास्थ्य संगठन का नाम बदलकर चीनी स्वास्थ्य संगठन कर देना चाहिए. 

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