अब डराया WHO ने, कहा अस्सी फीसदी दुनिया कोरोना संक्रमित हो जाएगी

ये बहुत ही डरावनी तस्वीर है जो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन ने पेश की है कोरोना की. कोरोना पर तैयार उसकी रिपोर्ट कहती है आने वाले दिनों में दुनिया की 80 फीसद आबादी कोरोना की चपेट में होगी..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Mar 7, 2020, 11:45 PM IST
    • WHO ने कहा अस्सी फीसदी दुनिया कोरोना संक्रमित हो जाएगी
    • ''अभी से मिल कर काम करना होगा''
    • ''स्थिति बहुत खराब हो सकती है''
    • ''कोरोना फ़्लू वायरस नहीं है''
अब डराया WHO ने, कहा अस्सी फीसदी दुनिया कोरोना संक्रमित हो जाएगी

नई दिल्ली.  ऐसा लग रहा था वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है, पर ये अनुमान गलत था क्योंकि डब्ल्यू एच ओ लगातार कोरोना के ऊपर शोध कर रहा था और उसकी एक हालिया रिपोर्ट ने कोरोना के कुल प्रसार का स्तर दर्शाया है. यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के सिर्फ बीस प्रतिशत लोग इसकी चपेट से मुक्त रहेंगे.

''अभी से मिल कर काम करना होगा''

 विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना के बढ़ते प्रकोप से चिंतित है. इस संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए इस वैश्विक स्वास्थ्य मंच ने दुनिया के देशों को इस वायरस की रोकथाम के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस वायरस को अभी से रोकने के लिए काम किए जाने की जरूरत है. अगर अभी से मिल कर इस दिशा में काम नहीं हुआ तो उसका नतीजा बहुत खतरनाक होगा. सारी दुनिया के 80 फीसदी लोग इससे पीड़ित हो जायेंगे.

''स्थिति बहुत खराब हो सकती है''

अमेरिका के उप्साला विश्वविद्यालय में संक्रमण के प्रोफेसर ब्योर्न ऑलसेन ने दावा किया है कि यदि कोरोना पर समय रहते नियंत्रण न किया गया तो स्थिति बहुत अधिक खराब हो सकती है और विश्व में ये संक्रमण भयानक महामारी का रूप धारण कर लेगा और दुनिया के की 60 से 80 प्रतिशत लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा. शोधकर्ताओं का कहना है की पहले किसी भी देश ने इस तरह के वायरस के प्रकोप का सामना नहीं किया है इस कारण इस तरह की बीमारियों का उपचार ढूंढने के लिए इस संक्रमण की कोई जानकारी किसी भी देश के पास नहीं है. इसीलिए डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसका टीका नहीं खोज पाए हैं. 

''कोरोना फ़्लू वायरस नहीं है''

ओल्सेन ने बताया कि  कोरोनो वायरस एक नई बीमारी है जो कि दुनिया में पहले कभी देखी नहीं गई है. इसे फ्लू वायरस मानना गलत होगा. विज्ञान में भी इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है. उन्होंने ये भी कहा की कुछ देश कोरोना के खिलाफ काफी अच्छा बचाव कर सकेंगे जबकि कई देश इससे निपटने में नाकाम सिद्ध होंगे. 

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