PM बनते ही शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की जनता को दिया धोखा, इस वादे पर लिया यू-टर्न

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गद्दी संभालते ही पाकिस्तान की जनता को धोखा दे दिया है. पाक सरकार वेतन वृद्धि पर शहबाज की घोषणा से पीछे हट गई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 14, 2022, 09:30 AM IST
  • पाकिस्तान की जनता को नए पीएम ने दिया धोखा
  • शहबाज शरीफ अपने ही वादे से कुछ यूं मुकर गए
PM बनते ही शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की जनता को दिया धोखा, इस वादे पर लिया यू-टर्न

नई दिल्ली: पाकिस्तान में इस दिनों चले सियासी उठापटक को पूरी दुनिया ने देखा, मगर नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जनता से किए वादे पर यू-टर्न ले लिया. यूं कहे कि शहबाज शरीफ अपनी ही जुबान से मुकर गए. दरअसल ये मामला सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने से जुड़ा है.

शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान को दिया धोखा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सरकारी कर्मचारियों, पूर्व वित्तमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता मिफ्ताह के वेतन में वृद्धि की घोषणा से एक स्पष्ट 'यू-टर्न' लेते हुए मिफ्ताह इस्माइल ने बुधवार को कहा कि चूंकि कुछ महीने पहले वेतन बढ़ाया गया था, इसलिए सरकार उन्हें फिर से नहीं बढ़ा रही है. यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों में दी गई.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले संबोधन में मजदूरों के वेतन, पेंशन और न्यूनतम वेतन में वृद्धि की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार ने चालू खाते के घाटे और अन्य आर्थिक संकेतकों के 'बिगड़ने' के साथ देश की अर्थव्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है.

पाकिस्तान के नए पीएम ने की थी ये घोषणा

शरीफ ने न्यूनतम वेतन 25,000 रुपये और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की. 1,00,000 रुपये से कम आय वाले सरकारी कर्मचारियों को भी 10 प्रतिशत वृद्धि का वादा किया गया था.

मिफ्ताह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, चूंकि संघीय सरकारी कर्मचारियों का वेतन कुछ महीने पहले बढ़ा दिया गया था, हम उन्हें फिर से नहीं बढ़ा रहे हैं. मिफ्ताह ने हालांकि कहा कि वेतन के मुद्दे पर अगले बजट में विचार किया जाएगा.

रिपोर्ट में कहा गया है, इस बीच, हमने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बढ़ा दी. मुझे उम्मीद है कि इससे कोई भ्रम दूर होगा. अब भले ही इस यू-टर्न के पीछे तरह-तरह की दलीलें दी जा रही हो, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि आते ही शहबाज शरीफ ने सरकारी कर्मचारियों से किए वादे को तोड़ दिया और उनके लिए बेवफा हो गए.

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