ट्रंप के सिर पर सवार परमाणु परीक्षण की सनक! कोरोना से हारे, 'बम' के सहारे?

कहते हैं जिसके पास ताकत होती है वो विनाश रोक भी सकता है और विनाश कर भी सकता है और इस वक्त दुनिया की तीन महाशक्तियां अमेरिका, रूस और चीन जिस राह पर आगे बढ़ रही हैं. दुनिया में महाविनाश की आहट सुनाई पड़नी शुरू हो गई है. क्योंकि महाशक्तियों में परमाणु बम की सनक बढ़ गई है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 24, 2020, 05:39 AM IST
    • महाशक्तियों में क्यों बढ़ी परमाणु बम की सनक?
    • डॉनल्ड ट्रंप ने की परमाणु परीक्षण की तैयारी?
    • 28 साल बाद क्यों याद आया परमाणु बम?
    • कोरोना से हारे परमाणु बम के सहारे?
ट्रंप के सिर पर सवार परमाणु परीक्षण की सनक! कोरोना से हारे, 'बम' के सहारे?

नई दिल्ली: दुनिया की तीन महाशक्तियों के दिमाग पर चढ़ी परमाणु बम की सनक बढ़ती जा रही है, जो हथियार दुनिया को खत्म कर सकते हैं. मानवता का अस्तित्व मिटा सकते हैं. उनके पीछे महाशक्तियों का बढ़ता पागलपन एक बहुत बड़ा खतरा बनता जा रहा है.

महाशक्तियों में क्यों बढ़ी परमाणु बम की सनक?

एक तरफ दुनिया कोरोना से महायुद्ध लड़ रही है, दूसरी तरफ अमेरिका और चीन जैसे देशों के अंदर परमाणु बम की सनक बढ़ती जा रही है. पहले चीन ने परमाणु बमों के जखीर को बढ़ाने का प्लान बनाया अब अमेरिका और खतरनाक परमाणु बम के परीक्षण की तैयारी कर रहा है. अमेरिका के पास पहले से ही ऐसे बमों को जखीरा मौजूद है जो पूरी दुनिया को कई बार नष्ट कर सकते हैं. ऐसे में खतरनाक परमाणु बमों की नई सनक दुनिया को बहुत भारी पड़ सकती है.

सबसे हैरान करने वाली बात है कि परमाणु बम की ये सनक दुनिया में उस वक्त बढ़ रही है जब दुनिया कोरोना से विश्वयुद्ध लड़ रही है..चीन से शुरू हुआ कोरोना अमेरिका और रूस को भी तबाह कर रहा है.

डॉनल्ड ट्रंप ने की परमाणु परीक्षण की तैयारी?

अब दुनिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले मुल्क अमेरिका को परमाणु परीक्षण करने का विचार आया है. खुद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप परमाणु बमों के परीक्षण के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं. ये उस वक्त हो रहा है जब दुनिया में कोरोना संक्रमित और कोरोना से मरने वाले सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में मौजूद हैं.

परमाणु परीक्षण के लिए क्यों बेचैन है अमेरिका?

परमाणु परीक्षण करने पर अमेरिका में एक बड़ी मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारी मौजूद थे. नए परमाणु परीक्षणों का मकसद अपने हथियारों की विश्वसनीयता परखना है. अमेरिका नए डिजायन वाले हथियार भी बनाना चाहता है.

अमेरिका अगर प्रलय मचाने वाले और खतरनाक परमाणु बमों के परीक्षण पर गंभीरता से विचार कर रहा है, तो यकीनन इसके पीछे अमेरिका किसी बड़े मकसद के लिए तैयार हो रहा है. लेकिन अब विशेषज्ञों इस बात पर चर्चा कर रहे हैं क्या अमेरिका की ये तैयारी दुनिया को परमाणु युद्ध के मुहाने तक ले जा सकती है 

क्या दुनिया में छिड़ने वाला है परमाणु युद्ध?

चलिए अब आपको बताते हैं कि अगर अमेरिका ने परमाणु बमों के परीक्षण पर विचार किया है तो इसकी वजह क्या है...

डॉनल्ड ट्रंप के परमाणु परीक्षण के पीछे ड्रैगन!

अमेरिका से आ रही खबरें और विशेषज्ञों की राय यही बताती है कि चीन और रूस से बढ़ते खतरे की वजह से ही अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप करीब 28 साल बाद परमाणु बम परीक्षण पर विचार कर रहे हैं. अमेरिका ने अंतिम बार वर्ष 1992 में परमाणु परीक्षण किया था. और अब अमेरिका अपने परमाणु बमों के जखीरे में और खतरनाक बमों को शामिल करना चाहता है.

रूस और चीन के खतरे से निपटने की तैयारी!

दुनिया में रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम हैं और चीन अमेरिका से मुकाबले के लिए परमाणु बमों के जखीरे को और बढ़ाना चाहता है. लेकिन अमेरिका चाहता है दुनिया में परमाणु बमों के विस्तार को नियंत्रण में रखा जाए. अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक एक बड़ी जानकारी सामने आई है.

रूस-चीन पर दबाव के लिए परमाणु परीक्षण?

अमेरिका दुनिया में परमाणु हथियारों पर नियंत्रण चाहता है. अमेरिका रूस और चीन के साथ एक नई डील पर साइन करना चाहता है. रूस और चीन को अमेरिका तेजी से परमाणु टेस्ट की क्षमता दिखाना चाहता है. जिससे नई डील पर मीटिंग के दौरान रूस और चीन पर दबाव बढ़ेगा.

चलिए अब आपको बताते हैं दुनिया में किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं.

किसके पास कितने परमाणु बम?

रूस  के पास सबसे ज्यादा  6,500 परमाणु बम हैं. वहीं के अमेरिका के पास कुल 6,185 घातक परमाणु हथियार हैं. फ्रांस के पास 300 परमाणु हथियार हैं. चीन ने 290 परमाणु हथियार बनाए हैं. ब्रिटेन के पास 200 परमाणु हथियार हैं. अपने देश इंडिया के पास 130-140 परमाणु हथियार हैं. वहीं पाकिस्तान ने 150-160 परमाणु हथियार बना लिए हैं. इज़रायल के पास 80-90 परमाणु हथियार हैंय वहीं माना जा रहा है उत्तर कोरिया ने भी 20-30 परमाणु हथियार बना लिए हैं.

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ट्रंप प्रशासन ने ये भी कहा है कि वह नए हथियार नहीं बनाने जा रहे हैं लेकिन अगर रूस और चीन ने डील के लिए बातचीत करने से इनकार कर दिया तो उनके पास हथियार बनाने का अधिकार सुरक्षित है.

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