वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उनके विरोधियों ने पूरी तरह से घेर लिया है और उन पर महाअभियोग लगा कर उसे निचले सदन से पास भी करा लिया है. संभावना ट्रम्प के बचने की हो या न हो, किन्तु उनके विरुद्ध कोशिश पूरी हुई है. आइये जानते हैं महाभियोग की इस प्रक्रिया के बारे में
अमरीकी सीनेट की सबसे शक्तिशाली प्रक्रिया
यह अमरीकी सीनेट की सबसे शक्तिशाली प्रजातांत्रिक प्रक्रिया है जो कि सीनेट के सर्वोच्च पद पर बैठे नेता के विरुद्ध इस्तेमाल की जाती है. इसके अंतर्गत पहले महाभियोग के कारण की जांच की जाती है जो सदन के अध्यक्ष के द्वारा की जाती है. जांच में यदि प्रस्ताव अनुमोदित होता है तो उसे पहले निचले सदन में और यदि वह वहां पास हो जाता है तब अगले सदन में याने कि अपर हाउस में पेश किया जाता है. इसका फैसला दोनों ही सदनों में वोटिंग के माध्यम से होता है.
क्या ट्रम्प के विरोधी सफल होंगे
निचले सदन में महाभियोग के प्रस्ताव के पास होने के बाद अब अगला सदन इस प्रस्ताव की प्रतीक्षा कर रहा है जहाँ ये फैसला होना है कि ट्रम्प की कुर्सी बचेगी या जायेगी .सवाल साफ़ है कि क्या ट्रम्प विरोधियों का चक्रव्यूह कामयाब हो सकेगी, क्या उनके विरोधी उनको हटाने में सफल हो सकेंगे. इसका सीधा जवाब है - नहीं!
डोनाल्ड ट्रम्प को कोई डर नहीं
व्हाइट हाउस से मिल रहे समाचारों के अनुसार इस महाभियोग से ट्रम्प को कोई ख़तरा महसूस नहीं हो रहा. वे मान कर चल रहे हैं कि उनके विरोधी नाकाम रहेंगे. और ऐसा पहले भी दो बार हो चूका है.
एंड्रू जॉनसन और बिल क्लिंटन मामले में भी यही हुआ था
151 साल की अमरीकी स्वतन्त्रता के इतिहास में अब तक केवल इससे पहले दो ही मौके आये जिसमें राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया गया. दोनों बार ही दोनों रास्ट्रपति बच निकल. डोनाल्ड ट्रम्प को विशवास है कि इस बार भी ऐसा ही होगा और वे साफ़ बच जाएंगे.