LAC पर तैनात PLA सैनिकों से शी जिनपिंग की बातचीत, क्या प्लानिंग कर रहा है ड्रैगन?

जिनपिंग ने बातचीत में युद्ध की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने सैनिकों को सेना मुख्यालय से संबोधित किया.

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2023, 05:56 PM IST
  • शी ने सैनिकों से युद्ध का लिया जायजा.
  • LAC पर आक्रामक बना रहा है चीन का रुख.
LAC पर तैनात PLA सैनिकों से शी जिनपिंग की बातचीत, क्या प्लानिंग कर रहा है ड्रैगन?

बीजिंग. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बातचीत की है. जिनपिंग ने बातचीत में युद्ध की तैयारियों का जायजा लिया. चीन के आधिकारिक मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है.

पीएलए मुख्यालय से सैनिकों को किया संबोधित
शी ने यहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) मुख्यालय से शिनजियांग सैन्य कमान के तहत खंजराब में सीमा पर तैनात सैनिकों को संबोधित किया. शी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और पीएलए के प्रमुख भी हैं. आधिकारिक मीडिया में दिखाए गए वीडियो के अनुसार, शी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि किस प्रकार 'हाल के वर्षों में, क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहा है' और किस प्रकार इसने सेना को प्रभावित किया है.

सैनिकों से पूछा- सब्जियां मिल रही हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों में से एक ने जवाब दिया कि वे अब '24 घंटे' सीमा की निगरानी कर रहे हैं. शी ने उनकी स्थिति के साथ ही यह भी सवाल किया कि क्या उन्हें दुर्गम इलाके में ताजी सब्जियां मिल रही हैं? आधिकारिक मीडिया के अनुसार, शी ने जवानों से 'सीमा पर उनकी गश्त और प्रबंधन कार्य के बारे में' सवाल किया. उन्होंने सैनिकों की सराहना करते हुए उन्हें अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया.

मई 2020 में शुरू हुआ था गतिरोध
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील क्षेत्र में पांच मई, 2020 को हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच गतिरोध शुरू हो गया था. पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के संबंध में दोनों पक्षों के बीच उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के 17 दौर हो चुके हैं, लेकिन बाकी मुद्दों के समाधान में कोई खास प्रगति नहीं हुई. भारत ने जोर दिया है कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति जरूरी है. 

आक्रामक बना हुआ है चीन
शांति का पक्षधर होने के साथ ही गतिरोध के दौरान बीते ढाई सालों में भारत की तरफ से चीन के हर आक्रामक रुख का बेहद सख्त जवाब दिया गया है. गलवान विवाद के बाद भारत में चीन के कई ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया था. दूसरी तरफ चीन भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो शांति की बातें करता है लेकिन सीमा पर अपनी मौजूदगी कम नहीं की है. अरुणाचल पर चीन के विवादित दावों में कमी नहीं आई है. साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने पर भी काम चल रहा है. गलवान की घटना के बाद भी LAC पर चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प हो चुकी हैं. 

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