सीसैट के विरोध में आमरण अनशन को मजबूर सिविल सेवा परीक्षा उम्मीदवार

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना संजोए पवन पांडेय छह साल पहले जब झारखंड के कोडरमा जिले से दिल्ली रवाना हुए थे तो उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि अपना लक्ष्य पाने की कवायद के तहत उन्हें आमरण अनशन तक करना पड़ेगा।

नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना संजोए पवन पांडेय छह साल पहले जब झारखंड के कोडरमा जिले से दिल्ली रवाना हुए थे तो उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि अपना लक्ष्य पाने की कवायद के तहत उन्हें आमरण अनशन तक करना पड़ेगा।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ‘गैर-अंग्रेजी’ माध्यम एवं ‘मानविकी’ पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के साथ हो रहे कथित भेदभाव के विरोध में 31 साल के पवन और बिहार के रहने वाले 29 साल के नीलोत्पल मृणाल बीते 09 जुलाई से दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में आमरण अनशन कर रहे हैं। पवन और मृणाल का समर्थन कर रहे हजारों सिविल सेवा उम्मीदवारों की प्रमुख मांग है कि यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे प्रश्न-पत्र ‘सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट’ (सीसैट) को खत्म किया जाए।

इस बाबत पवन ने बातचीत में कहा, ‘सीसैट ऐसे लोगों से सिविल सेवा में जाने का मौका छीन रही है जिनकी पृष्ठभूमि ग्रामीण रही है और जिन्होंने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों से पढ़ाई नहीं की है। सीसैट से अंग्रेजी माध्यम के उम्मीदवारों- खासकर जिनकी पृष्ठभूमि विज्ञान, इंजीनियरिंग या मेडिकल की रही है- को फायदा मिल रहा है जबकि गैर-अंग्रेजी माध्यम एवं गैर-विज्ञान पृष्ठभूमि के उम्मीदवार बुरी तरह पिछड़ रहे हैं।’
पवन की बातों से सहमत मृणाल का कहना है, ‘सीसैट को शुरू तो इस मकसद से किया गया था कि इससे उम्मीदवारों की प्रशासनिक योग्यता को परखा जाएगा, लेकिन इस प्रश्न-पत्र में कुल 80 में से 5-6 सवालों को छोड़ ऐसा कुछ नहीं होता जिससे सिविल सर्विस एप्टीट्यूड की परख होती हो ।’

मृणाल ने बताया, ‘उम्मीदवारों की प्रशासनिक योग्यता परखने के नाम पर सीसैट के प्रश्न-पत्र में गणित, कॉम्प्रिहेंशन, अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन के ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिन्हें हल करने में विज्ञान, इंजीनियरिंग और मेडिकल पृष्ठभूमि के उम्मीदवार खुद को ज्यादा सहज पाते हैं। जबकि मानविकी पृष्ठभूमि के गैर-अंग्रेजी माध्यम के उम्मीदवार इन सवालों की जटिलता में उलझ कर रह जाते हैं और दो घंटे का वक्त कब बीत जाता है, पता ही नहीं चलता।’

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.