सुशीला, नवजोत फाइनल में हारे, भारत को जूडो में मिले तीन पदक

जुडोका नवजोत चाना और सुशीला लिकमाबम को आज यहां अपने अपने वर्गों के फाइनल शिकस्त के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा लेकिन खेलों के पहले दिन जूडो में भारत तीन पदक जीतने में सफल रहा। भारत ने दो रजत के अलावा एक कांस्य पदक भी जीता।

ग्लासगो : जुडोका नवजोत चाना और सुशीला लिकमाबम को आज यहां अपने अपने वर्गों के फाइनल शिकस्त के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा लेकिन खेलों के पहले दिन जूडो में भारत तीन पदक जीतने में सफल रहा। भारत ने दो रजत के अलावा एक कांस्य पदक भी जीता।

रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंची कल्पना थोडम ने महिला वर्ग के 52 किग्रा में मारिशस की क्रिस्टियन लेगेनटिल को हराकर कांस्य पदक जीता। उन्होंने कम पेनल्टी अंक (शिडो) हासिल करते हुए जीत दर्ज की। कल्पना को दो जबकि क्रिस्टियन को तीन पेनल्टी अंक मिले।

मनजीत नंदल (पुरूष 66 किग्रा) को हालांकि कांस्य पदक के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के सियाबुलेला माबुलू के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। मनजीत को तीन जबकि माबुलू को दो पेनल्टी अंक मिले। मनजीत और कल्पना दोनों क्वार्टर फाइनल में हार गये थे लेकिन दोनों ने रेपेचेज में जीत दर्ज करके कांस्य पदक के मुकाबले के लिए क्वालीफाई किया।

राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता चाना पुरूषों के 60 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में इंग्लैंड के एश्ले मैकेंजी से हार गए। भारतीय खिलाड़ी को पेनल्टी अंक के आधार पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। चाना को तीन पेनल्टी अंक दिए गए जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी को सिर्फ एक पेनल्टी अंक मिला। दोनों खिलाड़ियों के वजारी अंक बराबर थे। इससे पहले चाना ने दक्षिण अफ्रीका के डेनियल ली ग्रैंगे को केवल एक मिनट 51 सेकेंड हराकर फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने ‘इप्पोन’ से नाकआउट हासिल किया।

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