वाशिंगटन : भारत का बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ईरान भेजने की घोषणा से इंडो-यूएस रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है। भारत यह प्रतिनिधिमंडल ऐसे वक्त ईरान भेज रहा है जब अमेरिका ईरान पर परमाणु कार्यक्रम छोड़ने का भारी आर्थिक दबाव बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांग रहा है।
कैपिटल हिल स्थित फ्रैंड्स आफ इंडिया ने वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर द्वारा हाल में की गई घोषणा को अमेरिका-भारत संबंधों को ‘नुकसान पहुंचाने वाला’ बताया है। फ्रैंड्स ऑफ इंडिया के एक सदस्य ने विदेश सचिव रंजन मथाई की वाशिंगटन यात्रा के बाद इसे एक ‘उकसाने वाला’ बयान बताया। मथाई ने अमेरिका यात्रा के दौरान ईरान पर भारत के रुख को साफ करने के लिए काफी कुछ किया और ईरान से तेल खरीद जारी रखने की वजह भी बताई।
हालांकि, अमेरिका ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापारिक वस्तुओं में खाद्य जैसी वस्तुओं पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘हमें यह रपटें देखने को मिली हैं कि एक भारतीय अधिकारी ने कल घोषणा की कि भारत ईरान को वाणिज्यिक निर्यात बढ़ाना चाहता है।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य राजस्व घटाना है क्योंकि राजस्व के बल पर ईरान परमाणु गतिविधियों में लिप्त है। हम ईरान के लोगों के लिए खाद्य आपूर्ति व आवश्यक वस्तुओं की कटौती नहीं चाहते।’ (एजेंसी)