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Laxmi-Ganesh Old Idol Rules: हर साल कार्तिक माह की अमावस्या पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस बार दिवाली 12 नवंबर के दिन मनाई जाएगी. दिवाली की शाम मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करने का विधान है. इस दिन घर को दीपक से सजाया जाता है. आज के दिन अगर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा की जाए, तो घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. आज के दिन घर में नए लक्ष्मी-गणेश की स्थापना की जाती है. लेकिन इस दौरान पुराने लक्ष्मी-गणेश का क्या करना चाहिए? कई लोग इन्हें पूजा स्थान से ऐसे ही हटा देते हैं. शास्त्रों में इसे गलत माना गया है. कहते हैं कि इससे व्यक्ति को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता.
पुराने लक्ष्मी-गणेश का क्या करें
सालभर जिन लक्ष्मी-गणेश की श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है, दिवाली की रात उन मूर्तियों की ओर मुखातिब होकर बड़े विनम्र और श्रद्धा भाव से प्रार्थना करें कि हे श्री गणेश जी आपने पूरे साल हम पर और हमारे परिवार पर कृपा बरसाई है. ऐसे में मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप इन नई मूर्ति में अपना स्थान ग्रहण करें. इसी प्रकार मां लक्ष्मी का भी आवाहन करें. इसके बाद पुरानी मूर्तियों का उन्हीं स्थान पर विराजमान रहने दें. इसके बाद नई लक्ष्मी-गणेश को रोली से टीका लगाएं और विधि पूर्वक उनकी पूजा करें.
भूलकर भी न करें ये गलती
नई मूर्तियों का पूजन करने के बाद पुरानी मूर्तियों पर भी रोली, तिलक, पुष्प, मिठाई, खील बतासे आदि अर्पित करें. मां लक्ष्मी की स्तुति और आरती करें. इसके बाद शुभ दिन श्रद्धा पूर्वक प्रणाम कर उनके स्थान पर नए लक्ष्मी-गणेश की स्थापना कर दें. पुरानी मूर्तियों को किसी अखबार में लपेट कर सुरक्षित और साफ स्थान पर रख दें. जब मौका मिले उन्हें बहते हुए पानी में विसर्जित कर दें. इस बात का ध्यान रखें कि भूल से भी इन मूर्तियों को इधर-उधर न फेंके. कहीं गंदे पानी या गंदे स्थान पर न रखें. अगर आप ऐसा करते हैं, तो सालभर की गई पूजा आपकी निष्फल हो जाएगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)