अमेरिका को जिस दवा ने कोरोना से बचाया, आज उसे ही इलाज के लिए कर दिया गया नामंजूर
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अमेरिका को जिस दवा ने कोरोना से बचाया, आज उसे ही इलाज के लिए कर दिया गया नामंजूर

FDA ने सोमवार को मलेरिया रोधी दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के कोविड-19 के उपचार के लिए आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की मंजूरी को वापस ले लिया. इसने कहा कि ये दवाएं वायरस संक्रमण रोकने में संभवत: प्रभावी नहीं हैं. 

अमेरिका को जिस दवा ने कोरोना से बचाया, आज उसे ही इलाज के लिए कर दिया गया नामंजूर

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इस दवा से अपने आपको कोरोना वायरस (Coronaivurs) से बचाने की बात कही. कोरोना वायरस से बचाने के लिए इस दवा को इतना गुणकारी और असरदार माना गया कि सप्लाई के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव तक बनाया था. लेकिन अब अमेरिकी की दवा नियामक प्राधिकरण (Food and Drugs Administration) ने इस दवा से कोरोना वायरस के इलाज पर रोक लगा दी है.

  1. मलेरिया रोधक दवा कोरोना इलाज के लिए नामंजूर
  2. अब तक अमेरिका में इसी दवा से हो रहा था इलाज
  3. शोध और वैज्ञानिकों के सिफारिश पर लिया फैसला

FDA ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मंजूरी ली वापस
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिस्ट्रेशन (FDA) ने सोमवार को मलेरिया रोधी दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के कोविड-19 के उपचार के लिए आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की मंजूरी को वापस ले लिया. इसने कहा कि ये दवाएं वायरस संक्रमण रोकने में संभवत: प्रभावी नहीं हैं. एफडीए ने कहा कि उसका फैसला हाल की जानकारी पर आधारित है जिसमें क्लिनिकल ट्रायल डेटा के परिणाम भी शामिल हैं. इसने कहा कि वर्तमान में अमेरिकी उपचार के दिशा-निर्देश भी कोविड-19 के मामलों में इन दवाओं के इस्तेमाल की अनुशंसा नहीं करते हैं.

भारतीय वैज्ञानिकों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को माना है प्रभावी
हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन काफी प्रभावी पाया गया है. भारतीय वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कारगर है. भारत में इसे डॉक्टरों की निगरानी में इलाज के लिए इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है.

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उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ब्रिटेन की प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका लैंसेट ने अपने एक शोध में कहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस से बचाव के लिए फायदेमंद नहीं है. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों को हिदायत जारी किया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोरोना वायरस के इलाज के सभी शोध और ट्रायल बंद कर दें. हालांकि भारत ने WHO के इन सिफारिशों को सिरे से खारिज कर दिया था.

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