टाटा स्काई ने अपनी याचिका में एसटीबी पैकेज पर MRP नहीं होने के कारण उसे जब्त कर लेने को चुनौती दी है.
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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने टेलीविजन चैनल प्रसारित करने वाली कंपनी टाटा स्काई की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है. याचिका में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) नहीं होने के कारण सेट-टॉप बॉक्स पैकेज जब्त करने को चुनौती दी गयी है. मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायाधीश वी के राव की पीठ ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को नोटिस देकर याचिका पर अपनी बात रखने को कहा है. याचिका में उस नियम की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी गयी है जिसमें एसटीबी पैकेज पर एमआरपी घोषित करने को अनिवार्य बनाता है. अदालत ने मंत्रालय ने इस मामले में एक मार्च को अपना रुख रखने को कहा. मामले की अगली सुनवाई उसी दिन होगी.
टाटा स्काई ने याचिका में 17 जनवरी को जब्त करने की रिपोर्ट खारिज करने के साथ ‘वैध माप-विद्या नियम’ के नियम 4 को भी खारिज करने का आग्रह किया है. इस नियम के तहत एसटीबी पैकेज पर एमआरपी घोषित करना अनिवार्य है. साथ ही नौ अगस्त 2018 के उस परिपत्र को भी खारिज करने की मांग की है जिसके तहत नियम को एसटीबी पर लागू किया गया.
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कंपनी की तरफ से मामले के पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने दलील दी कि एसटीबी पैकेज पर एमआरपी का जिक्र करना जरूरी नहीं है क्योंकि यह ‘वैध माप-विद्या नियम’ 2011 के औद्योगिक ग्राहक की परिभाषा में आता है. दलील में यह भी कहा कि पैकेज बिक्री के लिये नहीं थे, ऐसे में उस पर एमआरपी का उल्लेख करने की जरूरत नहीं है.
(इनपुट-भाषा)