सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाखों घर खरीदारों को मिलेगी राहत, जानिए क्या है IBC
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाखों घर खरीदारों को मिलेगी राहत, जानिए क्या है IBC

सुप्रीम कोर्ट ने घर ख़रीदारों को राहत भरी ख़बर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने IBC यानी इनसॉल्वेंसी एंड बैकरप्सी कोड संशोधन कानून में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. इस फैसले के बाद घर खरीदारों को काफी अधिकार मिल जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाखों घर खरीदारों को मिलेगी राहत, जानिए क्या है IBC

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को राहत भरी खबर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने IBC यानी इनसॉल्वेंसी एंड बैकरप्सी कोड संशोधन कानून में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. इस फैसले के बाद घर खरीदारों को काफी अधिकार मिल जाएंगे.

क्‍या है पूरा मामला
पिछले साल संसद ने IBC यानी इनसॉल्वेंसी एंड बैकरप्सी कोड संशोधन कानून को पास किया था, जिसमें घर खरीदार और निवेशक भी दिवालिया घोषित हुई कंपनी का लेनदार की कैटेगिरी में माना गया था. इसके बाद 200 रियल एस्टेट कंपनियों ने एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि कंपनियों ने संसद के संशोधन को गैर कानूनी ओर असंवैधानिक बताया था. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों की इस याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार के IBC संशोधन को सही ठहराया है.

होम बायर्स को ऐसे मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब घर खरीदारों को भी लोन देने वाले बैंकों के साथ फाइनेंशियल क्रेडिटर का दर्जा मिल गया है. अगर कोई रियल एस्टेट कंपनी इनसॉल्वेंसी में जाती है तो इसके लिए अब होम बायर्स की मंजूरी लेनी जरूरी होगी. वहीं होम बायर्स को ये अधिकार भी मिल गया है कि वे कर्जदाताओं की कमेटी में अपना पक्ष रख सकेंगे और रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ दिवालिया घोषित करने का प्रस्ताव भी पेश कर सकेंगे.

पहले क्या था नियम
इसी कानून के तहत पहले कर्ज लेने वाले वो लोग होते थे जो बिल्डर्स या कंपनियों को कर्ज देते थे और मिले पैसे पर इन्हीं का हक होता था. इनसॉल्वेंसी के पूरे क्रम में होम बायर्स को किसी तरह शामिल नहीं किया जाता था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब घर खरीदारों को पूरा हक मिलेगा.

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