वित्तीय अपराधों पर नजर के लिए मालदीव में विशेषज्ञों की तैनाती करेगा भारत
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वित्तीय अपराधों पर नजर के लिए मालदीव में विशेषज्ञों की तैनाती करेगा भारत

भारत ने वित्तीय अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए मालदीव में विशेषज्ञ अधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है. अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी.

वित्तीय अपराधों पर नजर के लिए मालदीव में विशेषज्ञों की तैनाती करेगा भारत

नई दिल्ली : भारत ने वित्तीय अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए मालदीव में विशेषज्ञ अधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है. अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी. ये अधिकारी शुरू में एक साल के लिए तैनात किए गए हैं और वे स्थानीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल बैठाकर नियमों के प्रवर्तन, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों को रोकने की कार्रवाई करेंगे.

कार्रवाई में मदद लेने के तरीके बताएंगे अधिकारी
इस बारे में जारी आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि ये अधिकारी इंटरपोल, लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस, एफबीआई समेत अन्य संस्थाओं से कार्रवाई में मदद हासिल करने के तरीके सुझाएंगे. आदेश में कहा गया कि केंद्र सरकार वित्तीय अपराध एवं धोखाधड़ी की जांच, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार रोधी कार्रवाई के लिए सुयोग्य अधिकारियों की एक सूची तैयार कर रही है.

पीएम मोदी के अगले महीने मालदीव जाने की संभावना
उन्होंने कहा कि ये विशेषज्ञ आंतरिक एवं बाह्य सोर्स, सोशल मीडिया और खुले स्रोत की सूचनाओं का अनौपचारिक विश्लेषण करेंगे और प्रासंगिक डाटा के नए स्रोत विकसित करेंगे. ये विशेषज्ञ गहराई से विश्लेषण कर जटिल मामलों में जांच में सहयोग भी करेंगे और इस तरह की जांच के लिए लिंक चार्ट एवं अन्य समाधान तैयार करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले महीने की शुरुआत में मालदीव जाने की संभावना है.

इस पद के लिए पात्रता के बारे में आदेश में कहा गया कि ये विशेषज्ञ स्रोतों से संबंधित ई-मेल, दस्तावेजों और तस्वीरों में सूचनाओं की पहचान व उनकी जांच कर भ्रष्टाचार की पहचान करने के विश्लेषण में विशिष्टता रखते हों. उनके पास किसी संस्थान के अंदर मदों के इस्तेमाल, मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और संपत्ति के मूल्यांकन करने का भी अनुभव होना चाहिए. यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय विशेषज्ञों को किसी अन्य देश में नियुक्त किया जाएगा. इससे पहले मॉरीशस आर सिंगापुर में भी ऐसे अधिकारियों को नियुक्त किया जा चुका है.

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