NCLT के बाहर दिवाला मामलों को निपटाने पर विचार, ये है प्लान
Advertisement
trendingNow1491527

NCLT के बाहर दिवाला मामलों को निपटाने पर विचार, ये है प्लान

500 करोड़ तक के लोन मामलों में प्रमोटर NCLT में नहीं जाना चाहते हैं.

 NCLT के तहत कुछ सफलताएं जरूर मिली हैं लेकिन, इसमें काफी वक्त लगता है. (प्रतीकात्मक)

अनुराग शाह, मुंबई: दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून (IBC एक्ट) के अंतर्गत NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) कोर्ट में निपटारे के लिए ज्यादा वक्त लगने की वजह से बैंक नई प्रक्रिया पर विचार कर रहा है. नई प्रक्रिया के तहत 1000 करोड़ तक के कर्ज के मामले में बैंक लीड बैंक के जरिए प्रपोजल तैयार कर रहे हैं और 6 सदस्यीय कमिटी लीड बैंक के प्रपोजल की समीक्षा कर मामले का निपटारा करेगी.

बैंको के समूह इंडियन बैंक एसोशिएशन के चीफ एग्जिक्यूटिव वीजी कन्नन के मुताबिक, 500 करोड़ तक के लोन मामलों में प्रमोटर NCLT में नहीं जाना चाहते हैं और बैठकों की इस प्रकिया से मामलों का जल्द निपटारा किया जा सकता है. दरअसल, NCLT के तहत कुछ सफलताएं जरूर मिली हैं लेकिन, इसमें काफी वक्त लगता है.

और बढ़ी अनिल अंबानी की मुश्किलें, करोड़ों के बकाये के लिए NCLT पहुंचे कर्जदाता

कई मामलों में कंपनियां NCLT में नहीं जाना चाहती हैं. दरअसल, मामला लॉ ट्रिब्यूनल तक पहुंच जाने के बाद प्रोमोटर का हक नहीं रह जाता है. इसके तहत सेक्शन 29 में बाहरी व्यक्ति ही कंपनी को खरीद सकता है. दूसरी तरफ 500 -1000 करोड़ तक के मामलों में थर्ड पार्टी ज्यादा दिलचस्पी भी नहीं दिखा रही है. 

इसलिए 500-1000 करोड़ के मामलों के लिए बैंक की तरफ से ये प्रयास किया जा रहा है. देनदार बैंकों के समूह में एक लीड बैंक को चुना जाएगा. इस मामले में लीड बैंक पर निपटारे की अहम जिम्मेदारी होगी. लीड बैंक प्रपोजल बनाएंगे और फॉरेंसिक ऑडिट करवाएंगे. इसके लिए 6 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया जाएगा जिसमें अलग-अलग सेक्टर के लोग शामिल होंगे.यह कमेटी देखेगी की फॉरेंसिक ऑडिट में क्या किया गया है और लैंडर्स की मंजूरी मिली है कि नहीं. उम्मीद है कि जिन मामलों के निपटारे की थोड़ी भी संभावना है वे यहां जल्दी निपट जाएंगे.

Trending news