Old Tax Regime: सर्वे के अनुसार, 7.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा कमाने वालों के बीच सबसे ज्यादा ओल्ड टैक्स रिजीम को पसंद किया गया. 12-15 लाख रुपये सालाना आमदनी वाले टैक्स पेयर्स ने लिक्विडिटी की सुविधा पर लॉन्ग टर्म सेविंग को फोकस करते हुए ओल्ड रिजीम को चुना.
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New Tax Regime: वित्त मंत्रालय की तरफ से पिछले दिनों टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव किया गया है. इसके तहत आप ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) और न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) के तहत आईटीआर फाइल कर सकते हैं. एक सर्वे में सामने आया है कि सैलरीड क्लॉस के बीच ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यादा लोग पसंदीदा विकल्प बनी हुई है. वहीं, न्यू टैक्स रिजीम को 49 परसेंट कारोबारियों ने ऑप्ट किया है. आपको बता दें ओल्ड टैक्स रिजीम लॉन्ग टर्म में सेविंग और इंश्योरेंस आदि में निवेश पर टैक्स छूट देती है. 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले टैक्स पेयर्स का फोकस आयकर छूट पर रहता है.
सैलरीड क्लॉस ने ओल्ड टैक्स रिजीम को ज्यादा पसंद किया
पॉलिसीबाजार की तरफ से 1,263 टैक्स पेयर्स के बीच एक सर्वे किया गया. इसमें सैलरी क्लॉस, कारोबारी और रिटायर्ड इनवेस्ट शामिल किए गए. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित सर्वे के आधार पर पता लगा कि 39% ने टैक्स सेविंग के लिए पीपीएफ को सबसे ज्यादा पसंद किया. इसके बाद 34% की पसंद टैक्स सेविंग के लिए लाइफ इंश्योरेंस रहा. सर्वे के अनुसार, 7.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा कमाने वालों के बीच सबसे ज्यादा ओल्ड टैक्स रिजीम को पसंद किया गया. 12-15 लाख रुपये सालाना आमदनी वाले टैक्स पेयर्स ने लिक्विडिटी की सुविधा पर लॉन्ग टर्म सेविंग को फोकस करते हुए ओल्ड रिजीम को चुना.
युवाओं को परेशान कर रहा कागजी कार्रवाई का झंझट!
जानकारों का कहना है कि टैक्स पेयर्स पीएफ, पेंशन और इंश्योरेंस जैसे रिटायरमेंट से जुड़ी सेविंग स्कीम से तत्काल टैक्स बेनिफिट और लॉन्ग टर्म में मिलने वाले फायदे दोनों पर सोच रहे हैं. साउथ में टैक्स छूट को ज्यादा तवज्जो दी गई, यहां 65% ने ओल्ड टैक्स रिजीम को चुना. सर्वे से यह भी जानकारी सामने आई कि 18-20 के युवा वर्ग ने फंड लॉक-इन और कागजी कार्रवाई के झंझट से बचने के लिए न्यू टैक्स रिजीम को सिलेक्ट किया. आपको बता दें दो तिहाई से ज्यादा सैलरीड क्लॉस ओल्ड टैक्स रिजीम को पसंद करती है. इसके साथ ही लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट और निवेश पर फोकस किया जा रहा है.
दूसरी तरफ कारोबार से जुड़े व्यवसायी लिक्विडिटी, टैक्स की कम दर और कम कागजी कार्रवाई जैसे फायदों का हवाला देते हुए न्यू टैक्स रिजीम को पसंद कर रहे हैं. इससे पहले न्यू टैक्स रिजीम की तरफ लोगों ने ज्यादा फोकस किया था. आपको बता दें अभी भी 63% से ज्यादा टैक्सपेयर्स ओल्ड टैक्स रिजीम को तवज्जो दे रहे हैं, वहीं 37% न्यू टैक्स रिजीम पर शिफ्ट हो गए हैं. महिलाओं में यह स्थिति अलग है.