PFRDA New Rule: NPS में निवेश करने वालों की बल्ले-बल्ले, अब होगा बड़ा फायदा; नई गाइडलाइन जारी
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PFRDA New Rule: NPS में निवेश करने वालों की बल्ले-बल्ले, अब होगा बड़ा फायदा; नई गाइडलाइन जारी

PFRDA New Rule: एनपीएस में वाले कई बार इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि किस एसेट में निवेश करे. PFRDA ने अब इन निवेशकों को ध्यान में रखते हुए नए नियम बनाए हैं जिससे एनपीएस सब्सक्राइबर्स के लिए यह तय  करना आसान होगा कि उन्हें किस एसेट्स में निवेश करना चाहिए.

PFRDA New Rule: NPS में निवेश करने वालों की बल्ले-बल्ले, अब होगा बड़ा फायदा; नई गाइडलाइन जारी

PFRDA New Rule: अगर आप भी एनपीएस में निवेश किया है तो आपके लिए खुशखबरी है. अब आपको नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की योजनाओं में होने वाले जोखिम के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. PFRDA ने इसके लिए नया नियम बनाया है. अब नए नियम एक अनुसार, पेंशन फंडों को अब प्रत्येक तिमाही की समाप्ति से पहले 15 दिन के भीतर अपनी वेबसाइटों पर सभी एनपीएस योजनाओं की जोखिम की जानकारी देनी होगी.

दरअसल, एनपीएस में वाले कई बार इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि किस एसेट में निवेश करे. PFRDA के इस कदम का उद्देश्य एनपीएस सब्सक्राइबर्स को यह फैसला करने में मदद करना है कि किस एसेट्स में निवेश करना उनके लिए फायदेमंद रहेगा.

PFRDA ने जारी किया गाइडलाइन 

पेंशन फंड नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इसके लिए गाइडलाइन जारी किया है. इसके अनुसार, निवेशकों को जागरूक करने के लिए नियामक ने छह रिस्की लेवल को चुना है. ये विभिन्न एनपीएस योजनाओं में निवेश से पहले उनसे जुड़े रिस्कों के बारे में साड़ी जानकारी देंगे. आपको बता दें कि नए नियम 15 जुलाई, 2022 से लागू होंगे. साथ ही ये ई, सी, जी और ए श्रेणियों की सभी मौजूदा योजनाओं पर भी लागू होंगे.

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क्या है नया नियम?

एफआरडीए की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, 'पेंशन फंड की योजनाओं के विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों (एसेट्स क्लासेस) के तहत निवेश में सब्सक्राइबर्स के लिए विभिन्न स्तर के जोखिम शामिल होंगे. इसलिए यह जरूरी है कि एनपीएस की विभिन्न योजनाओं में शामिल जोखिमों की जानकारी ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाए. जोखिम के छह स्तर तय किए गए हैं. पहला है कम जोखिम, दूसरा कम से मध्यम जोखिम, तीसरा मध्यम जोखिम, चौथा मध्यम उच्च जोखिम, पांचवा उच्च जोखिम और छठा बहुत अधिक जोखिम.'

इतना ही नहीं, नियामक ने सर्कुलर में यह भी कहा है कि टियर-1 और टियर-2 एसेट क्लास इक्विटी (ई), कॉरपोरेट डेट (सी), सरकारी सिक्योरिटीज (जी), और स्कीम ए का प्रबंधन करने वाले पेंशन फंड को योजनाओं के जोखिम प्रोफाइल को रखना और उसे बताना चाहिए.

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान 

- इसके अनुसार, योजना की विशेषताओं के आधार पर पेंशन फंड ई-टियर 1, ई-टियर 2, सी-टियर 1, सी-टियर -2, जी-टियर -1, जी-टियर -2 और योजना ए के रिस्क लेवल तय किये जाएंगे.
- प्रत्येक तिमाही खत्म होने से पहले 15 दिन के भीतर जोखिम स्तर की जानकारी पेंशन फंड के वेबसाइट के ‘पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर’ सेक्शन में देना अनिवार्य होगा.
- पेंशन फंड द्वारा निर्धारित जोखिम स्तर की तिमाही आधार पर जांच की जाएगी. अगर इसमें कोई बदलाव होता है तो उसकी जानकारी पेंशन फंड की वेबसाइटों के साथ-साथ एनपीएस ट्रस्ट की वेबसाइटों पर भी दी जाएगी.
- पेंशन फंड प्रत्येक वर्ष 31 मार्च तक योजनाओं के बारे में अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे.
- एक वर्ष के दौरान जितनी बार भी जोखिम स्तर में बदलाव किया जाएगा उतनी बार इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा.

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