रतन टाटा की कंपनी में इंटर्न था ये स्टूडेंट, फिर शुरू किया स्टार्टअप और बना डाली 8370 करोड़ रुपये कंपनी
Advertisement
trendingNow12364784

रतन टाटा की कंपनी में इंटर्न था ये स्टूडेंट, फिर शुरू किया स्टार्टअप और बना डाली 8370 करोड़ रुपये कंपनी

Who Is Aravind Sanka: हम आपको अरविंद संका के बारे में बताएंगे, जिन्होंने लोकप्रिय राइड-हेलिंग स्टार्टअप, रैपिडो की सह-स्थापना की. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 2011 में तीन महीने के लिए टाटा मोटर्स में समर इंटर्न के रूप में भी काम किया.

 

रतन टाटा की कंपनी में इंटर्न था ये स्टूडेंट, फिर शुरू किया स्टार्टअप और बना डाली 8370 करोड़ रुपये कंपनी

Ratan Tata Company Intern: भारत में कई लोगों ने अपनी खुद की कंपनी शुरू करने से पहले कई सालों तक अन्य कंपनियों में काम किया. उनमें से कुछ आईआईटी और आईआईएम के एक्स स्टूडेंट हैं, जिन्होंने अपनी उच्च वेतन वाली नौकरियों से इस्तीफा दे दिया और अपने दोस्तों के साथ अपनी कंपनी शुरू करने का फैसला किया. इस खबर में हम आपको अरविंद संका के बारे में बताएंगे, जिन्होंने लोकप्रिय राइड-हेलिंग स्टार्टअप, रैपिडो की सह-स्थापना की थी.

यह भी पढ़ें: मां ने इंस्टाग्राम पर बेटे संग डाला Video, बवाल मचने के बाद उठा लिया ऐसा कदम

वह एक आईआईटी ग्रेजुएट हैं, जिन्होंने 2015 में पवन गुंटुपल्ली और ऋषिकेश एसआर के साथ हैदराबाद स्थित फर्म की स्थापना की थी. हाल ही में, रैपिडो अपने मौजूदा निवेशक वेस्टब्रिज कैपिटल के नेतृत्व में अपने नवीनतम सीरीज ई-फंडिंग राउंड में लगभग 120 मिलियन अमरीकी डॉलर (1000 करोड़ रुपये) जुटाने के बाद यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गया. अनजान लोगों के लिए एक यूनिकॉर्न का मतलब है एक निजी तौर पर स्वामित्व वाली स्टार्टअप जिसका मूल्यांकन 1 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 8370 करोड़ रुपये) से अधिक है. रैपिडो के प्रतिद्वंद्वी ओला, उबर और नम्मा यात्री हैं.

यह भी पढ़ें: 300 रुपये दिहाड़ी मजदूर को मिला 80 लाख रुपये का हीरा, चुटकी बजाते ही बदली किस्मत

रैपिडो शुरू करने से पहले अरविंद संका ने नवंबर 2014 में द कार्रियर नाम की कंपनी शुरू की थी. इसके अलावा, उन्होंने फ्लिपकार्ट में सप्लाई चेन फाइनेंस बिजनेस पार्टनर के तौर पर भी काम किया. कंपनी में उन्होंने मैनेजमेंट ट्रेनी से शुरुआत की थी. बताया जाता है कि वह ई-कार्ट की लॉजिस्टिक्स की फाइनेंशियल प्लानिंग और विस्तार में शामिल थे. उन्होंने आईआईटी भुवनेश्वर से 2008 से 2012 के बीच मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) की डिग्री हासिल की. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 2011 में तीन महीने के लिए टाटा मोटर्स में समर इंटर्न के रूप में भी काम किया.

उनके एक साथी पवन गुंटुपल्ली भी एक आईआईटीयन हैं, जबकि ऋषिकेश एसआर पीईएसयू के पूर्व छात्र हैं. रैपिडो इस साल का तीसरा स्टार्टअप है जो यूनिकॉर्न बन गया. इससे पहले, 2024 में भाविक अग्रवाल की क्रुत्रिम और परफियोस यूनिकॉर्न बन चुके हैं.

Trending news