मुंबई: देश की आर्थिक वृद्धि दर मार्च 2019 को समाप्त चौथी तिमाही में घटकर 6.1- 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इससे पूरे वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 7 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. एसबीआई इकोरैप की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि में गिरावट से रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि दर में तेजी लाने के लिये अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.
देश के सबसे बड़े बैंक के आर्थिक शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च, 2019 को समाप्त तिमाही में वृद्धि दर 6.1 से 5.9 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है. इससे पूरे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रह सकती है. यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को जारी होने वाले जीडीपी के आंकड़े से पहले जारी की गई है.
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इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि जीडीपी की वृद्धि दर चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रहेगी. वहीं जीवीए वृद्धि दर 6 प्रतिशत या उससे नीचे 5.9 प्रतिशत रह सकती है. इससे वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 6.9 रह सकती है.’’ हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर उपयुक्त नीतियां अपनायी जाती है, तो मौजूदा नरमी अस्थायी साबित हो सकती है.