Indian Railways: राजधानी और शताब्‍दी से चलने वालों की बल्‍ले-बल्‍ले, रेलवे देने वाला है यह सुव‍िधा
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Indian Railways: राजधानी और शताब्‍दी से चलने वालों की बल्‍ले-बल्‍ले, रेलवे देने वाला है यह सुव‍िधा

Shatabdi and Rajdhani Express: वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है और इसे चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार क‍िया गया है. वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह एयरकंडीशनर है और वर्ल्‍ड क्‍लॉस सुविधाओं से लैस है.

 

Indian Railways: राजधानी और शताब्‍दी से चलने वालों की बल्‍ले-बल्‍ले, रेलवे देने वाला है यह सुव‍िधा

Vande Bharat Sleeper Trains: प‍िछले कुछ सालों में रेल मंत्रालय ने यात्र‍ियों की सुव‍िधाओं पर तेजी से काम क‍िया है. रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से साल 2019 में सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन वंदे भारत को शुरू क‍िये जाने के बाद लंबी रूट की दूरी तय करना काफी आसान हो गई. अब लंबी दूरी तय करने में पहले के मुकाबले काफी कम समय लगता है. इस समय देशभर में अलग-अलग रूट पर 54 वंदे भारत ट्रेन का संचालन क‍िया जा रहा है. अब रेलवे लंबी दूरी की यात्रा के लिए 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली स्‍लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस (Sleeper Vande Bharat Express) ट्रेन को शुरू करने की योजना है.

चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में हुई तैयार

इसके बाद सवाल यह है क‍ि क्या रेलवे शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस को हाई-स्पीड वंदे भारत स्लीपर ट्रेन से बदलने का प्‍लान कर रही है. वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है और इसे चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में तैयार क‍िया गया है. यह भारतीय रेलवे की एक इकाई है. यह ट्रेन पूरी तरह एयरकंडीशनर है और वर्ल्‍ड क्‍लॉस सुविधाओं से लैस है. यात्रियों के बीच इस ट्रेन को तेजी से पसंद क‍िया गया है. इससे साफ है क‍ि यह सेमी हाईस्‍पीड ट्रेन भारतीय रेलवे के भविष्य में अहम भूमिका निभाएगी.

रेलवे की सबसे बेहतरीन सेवाओं में से एक है राजधानी
फाइनेंश‍ियल एक्‍सप्रेस में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के अनुसार रेलवे अधिकारियों का यह कहना है क‍ि आने वाले समय में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें धीरे-धीरे शताब्दी एक्सप्रेस की जगह ले लेंगी. यह भी उम्‍मीद की जा रही है क‍ि स्‍लीपर वंदे भारत शुरू होने के बाद मौजूदा राजधानी एक्सप्रेस का विकल्प बनेंगी. अभी राजधानी एक्सप्रेस को भारतीय रेलवे की सबसे बेहतरीन सेवाओं में से एक माना जाता है. राजधानी नई द‍िल्ली को देश के अलग-अलग राज्यों से जोड़ती है.

जरूरत के ह‍िसाब से वंदे भारत ट्रेन तैयार करने में समय लगेगा
चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के जनरल मैनेजर बीजी मल्ल्या ने एक इंटरव्यू में कहा था क‍ि ऐसी कई जगह हैं, जहां वंदे भारत एक्सप्रेस को शुरू क‍िया गया है वहां इसका टाइम‍िंग शताब्दी एक्सप्रेस से काफी मिलता-जुलता है. मल्ल्या ने दोनों ट्रेनों के टाइम को लेकर इशारा करते हुए कहा कि इससे यह साफ संकेत है क‍ि वंदे भारत के आने से यह आने वाले समय में शताब्दी ट्रेनों की जगह ले सकती है. मल्ल्या ने यह भी बताया था क‍ि ज‍ितनी वंदे भारत ट्रेनों की जरूरत है, उनको बनने में अभी समय लगेगा. इस बीच, शताब्दी ट्रेनों को दूसरी रूट पर चलाया जाएगा ताकि कोई भी संसाधन बर्बाद न हो.

पहले चेयरकार वाली कम दूरी की वंदे भारत ट्रेनों को संचाल‍ित क‍िया जा रहा है. इसके अलावा रेलवे की तरफ से 'वंदे भारत मेट्रो' सर्व‍िस शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है. उम्मीद की जा रही है क‍ि जल्द ही मेट्रो जैसे कोच वाली इन ट्रेनों का मॉडल द‍िखाया जाएगा. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकेगा कि अर्बन ट्रांसपोर्टेशन स‍िस्‍टम में भी वंदे भारत जैसी तेज रफ्तार वाली ट्रेनों को चल पाना क‍ितना संभव है.

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