UP By-Elections 2024: यूपी उपचुनावों का रण जिताएंगे ये 'नवरत्न'? BJP ने तैयार किया मास्टर प्लान, बूथ से लेकर प्रदेश तक बांटी जिम्मेदारियां
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UP By-Elections 2024: यूपी उपचुनावों का रण जिताएंगे ये 'नवरत्न'? BJP ने तैयार किया मास्टर प्लान, बूथ से लेकर प्रदेश तक बांटी जिम्मेदारियां

BJP Strategy for UP By-Elections 2024: बीजेपी ने यूपी में असेंबली की 9 खाली सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनावों में जीत हासिल करने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है. पार्टी ने यह रण जीतने का जिम्मा अपने नवरत्नों को दिया है. 

UP By-Elections 2024: यूपी उपचुनावों का रण जिताएंगे ये 'नवरत्न'? BJP ने तैयार किया मास्टर प्लान, बूथ से लेकर प्रदेश तक बांटी जिम्मेदारियां

BJP Plan for UP By-Elections 2024: यूपी की सभी 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने खास प्लान तैयार किया है.यही नहीं, बीजेपी ने अपने प्लान पर अमल करना भी शुरू कर दिया है. वो है बीजेपी का 'नवरत्न प्लान'. नवरत्न प्लान के तहत यूपी बीजेपी ने 9 लेयर में जीत का फॉर्मूला बनाया है. जिनमें पहले नंबर पर है पन्ना प्रमुख. इसके पास पन्ने में दर्ज 60-60 वोटरों को बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए घरों से निकाल कर बूथ तक लाने की जिम्मेदारी है.

बूथ अध्यक्ष पर होगी अपने बूथ को जिताने की जिम्मेदारी

दूसरे नंबर पर हैं बूथ अध्यक्ष, जिनके पास हर एक बूथ के वोटर्स की जिम्मेदारी होगी. तीसरे नंबर पर हैं विधानसभा प्रभारी, जो उपचुनाव वाले क्षेत्र में रैलियां और बैठकों के कार्यक्रम तय करेंगे. चौथे नंबर पर हैं विधानसभा संयोजक. ये कॉर्डिनेटर का काम करेंगे, साथ ही विधानसभा की हर रिपोर्ट संगठन को भेजेंगे. 

पांचवें नंबर पर विधानसभा सह प्रभारी हैं. जनसंपर्क वाले सभी कार्यक्रम इन्हीं के जरिये होंगे. उसके बाद प्रभारी मंत्री का नंबर है, इनके पास सरकार की योजनाओं के जरिये वोट हासिल करने की जिम्मेदारी होगी. फिर संगठन के बड़े पदाधिकारियों का नंबर है. भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है, इसलिये ये हर विधानसभा में रैली करेंगे और रोजाना बैठकें भी करेंगे.

सीएम, डिप्टी-सीएम करेंगे चुनावी रैली

आखिरी में मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री हैं. सीएम योगी और दोनो डिप्टी सीएम की हर विधानसभा क्षेत्र में रैली होगी. चुनाव जीतने की पूरी जिम्मेदारी बीजेपी ने सीएम योगी के ऊपर छोड़ दी है.

दरअसल बीजेपी 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती. .यही वजह है कि हर सीट पर जातीय समीकरण साधने के लिए पार्टी ने एनडीए के 10-10 विधायकों को तैनात किया है. उनके साथ ही दो-दो सांसदों की भी ड्यूटी लगाई गई है. इनके अलावा संगठन के तीन-तीन पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि जनप्रतिनिधियों को मंडल और शक्ति केंद्रों की जिम्मेदारी दी गई है. चुनावी गतिविधियों पर ध्यान रखने के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है जिन्हें प्रदेश मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम के साथ जोड़ा जाएगा.

उपचुनावों में हार जाएगी बीजेपी- सपा

वहीं समाजवादी पार्टी ने दावा किया कि बीजेपी कितनी भी तैयारी कर ले, उपचुनाव में उसकी हार तय है. सपा विधायक आरके वर्मा का दावा हा कि आवाम भारतीय जनता पार्टी से नाराज है., उनकी कुरीतियों से नाराज है. इसलिए उत्तर प्रदेश की आवाम निर्णय ले चुकी है कि उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंकना है.

वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार अपने मंत्रियों के ज़रिए लोगों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है.. लेकिन उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे. पार्टी प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि एक डर का माहौल बनाकर प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कैसे ज्यादा से ज्यादा हो, इसके लिए 3-3 मंत्री लगाए गए हैं, लेकिन जनता आपके दबाव में आपके डर में नहीं आने वाली है. 

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