स्टर्लिंग बायोटेक गुजरात की फार्मा कंपनी है, जिसपर बैंकों से लोन लेकर करीब 14,500 करोड़ का चूना लगाने का आरोप है.
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर स्टर्लिंग बायोटेक घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने सुनवाई के बाद संदेसरा बंधुओं को भगोड़ा घोषित कर दिया है. अदालत ने आर्थिक अपराध एक्ट 2018 के तहत नितिन जयंतीलाल संदेसरा, चेतन संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा और हितेश कुमार नरेंद्र भाई पटेल को भगोड़ा घोषित किया है.
आपको बता दें कि स्टर्लिंग बायोटेक घोटाला बैंक लोन से जुड़ा है. स्टर्लिंग बायोटेक गुजरात की फार्मा कंपनी है. इस कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन संदेसरा हैं. नितिन के भाई चेतन संदेसरा कंपनी में ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. परिवार की एक अन्य सदस्य दीप्ति संदेसरा का नाम भी इसमें शामिल है. इन सभी पर फर्जी कंपनियां बनाने और उसके बाद कई बैंकों से लोन लेकर करीब 14,500 करोड़ का चूना लगाने का आरोप है. ये मामला जब जांच एजेंसी के पास तक पहुंचा तब तक संदेसरा बंधु फरार हो चुके थे.
कारोबार बढ़ाने की बात कहकर संदेसरा बंधुओं ने स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर 5383 करोड़ का लोन लिया था. ये लोन आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने दिया था. मगर उन्होंने जानबूझकर इसे नहीं चुकाया. बैंकों की शिकायत पर आखिरकार सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में फार्मा कंपनी के प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया. हालांकि, इसके बाद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई और पता चला संदेसरा ग्रुप की विदेशों में स्थित कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से भी लोन ले रखा था, जो करीब 9 हजार करोड़ था.
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