मुलायम सिंह यादव का गांव सैफई इसी जिले में है. ईंटों के भट्ठे यहां बहुत हुआ करते थे, जिस कारण इटावा नाम पड़ा. सपा का गढ़ होने के कारण UP की इस लोकसभा सीट को हाईप्रोफाइल माना जाता है. इटावा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा दलित वोटर हैं. करीब 5 लाख दलित मतदाता हैं. ये जिस तरफ रुख करते हैं उस पार्टी की जीत तय मानी जाती है. कांशीराम की जीत की वजह भी यही थे लेकिन बाद में सपा की साइकिल दौड़ने लगी. यहां ब्राह्मण वोटर करीब 3 लाख हैं. यादव ढाई लाख के करीब हैं. क्षत्रिय, लोधी, शाक्य, पाल, वैश्य 1-1 लाख से ज्यादा है. मुसलमानों की संख्या भी एक लाख से ज्यादा है. इटावा लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभाएं आती हैं- इटावा, भरथना, दिबियापुर, ओरैया, सिकंदरा (कानपुर देहात).
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