आजकल दुनियाभर में लाखों लोग दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. एक स्टडी के अनुसार, युवाओं में इसका खतरा ज्यादा रहता है. दिल की बीमारी के कुछ लक्षण हाथों और पैरों पर दिखाई पड़ते हैं. अगर आप इन्हें जल्द पहचान लें तो आपकी जान बच सकती है.
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दुनियाभर में लाखों लोग दिल की गंभीर बीमारी (heart disease) की चपेट में हैं और इससे होने वाली मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल की बीमारी के कई ऐसे लक्षण हैं, जो चुपचाप आते हैं. वहीं, अगर आप ये सोचते हैं कि दिल की बीमारी के लक्षण केवल छाती पर दिखते हैं, तो आप बिल्कुल गलत है. हाथों और पैरों में भी दिल की बीमारी के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. अगर आपने इन्हें शुरुआत में ही पहचान लिया तो आपकी जान बच सकती है.
हाथों और पैरों का सुन्न पड़ना दिल की बीमार का एक प्रमुख संकेत हो सकता है. जब आप लंबे टाइम के लिए आराम कर रहे होते हैं, तो हाथ और पैर सुन्न पड़ सकते हैं. कभी-कभी यह बिना किसी कारण के अचानक भी हो सकता है, जो अपने आप ही खत्म हो जाती है और शरीर फिर से अपना काम करने लगता है. वहीं, कई बार हाथ-पैर के सुन्न घंटों या कई दिनों तक बना रहता है. सुन्न पड़ने पर कई बार वो पार्ट पीला भी दिखने लगता है और छूने में ठंडा महसूस होता है. जब भी आपको अपने हाथों या पैरों में ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
ऐसा क्यों होता है?
जब ब्लड वेसेल्स संकरी हो जाती है, तो यह खून की मात्रा को सीमित कर देता है, जो हाथ और पैरों के लिए कम है. इसे आर्टरी डिजीज भी कहते हैं. इसके कारण शरीर के अंगों में खून की आपूर्ति खराब हो जाती है, जिसकी वजह से कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं. इसमें से सुन्न पकड़ा एक आम समस्या है. कई हेल्थ एक्सपर्ट ने आर्टरी डिजीज को दिल की बीमारी से भी जोड़ा है.
कई अन्य लक्षण
सुन्न पड़ने के अलावा, कई और लक्षण हैं, जो दिल की बीमारी का संकेत दे सकते हैं. पैरों की मांसपेशियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, मांसपेशियों में अत्यधिक थकान, मांसपेशियों में असामान्य बेचैनी, पैरों में जलन, पैरों में सूजन जैसी कई समस्याएं दिल की बीमारी का संकेत देते हैं. इसलिए इन लक्षणों पर नजर रखना बहुत जरूरी है और अगर ये बार-बार हो रहें हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
युवों को ज्यादा खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमानों के अनुसार, हर साल तकरीबन 1.80 करोड़ लोग दिल की बीमारी से जूझते हैं. इनमें कोरोनरी हार्ट डिजीज, सेरेब्रोवास्कुलर डिजीज, रूमेटिक हार्ट डिजीज और अन्य बीमारियां शामिल हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि दिल की बीमारी के कारण होने वाली मौतों की कुल संख्या में से एक तिहाई 70 वर्ष से कम आयु के लोग हैं. यह एक स्पष्ट संकेत है कि दिल की बीमारी युवा लोगों के लिए भी अधिक जोखिम पैदा करते हैं.
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