एक सूत्र ने बताया, ‘सरकार ने करीब 350 सांसदों के ठहरने के लिए अस्थाई प्रबंध किए हैं, जब तक उन्हें पूर्ण कालिक आवास उपलब्ध नहीं करा दिये जाते.’
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नई दिल्ली: सरकार ने 350 सांसदों को पूर्ण कालिक सरकारी आवास मिलने तक उनके ठहरने के लिए अस्थाई प्रबंध किए हैं. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
नियमों के अनुसार लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर पूर्व सांसदों को अपने आवंटित आवासों को खाली करना होता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गत 25 मई को 16वीं लोकसभा को तुरंत प्रभाव से भंग कर दिया था. एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों ने गुरुवार को शपथ ली. एक सूत्र ने बताया, ‘सरकार ने करीब 350 सांसदों के ठहरने के लिए अस्थाई प्रबंध किए हैं, जब तक उन्हें पूर्ण कालिक आवास उपलब्ध नहीं करा दिये जाते.’
2014 में सरकार की हुई थी आलोचना
सूत्र ने कहा कि पूर्ण कालिक आवास मिलने तक इस बार नवनिर्वाचित सांसद पांच सितारा होटलों में नहीं रुकेंगे. साल 2014 में सरकार को शहर के आलीशान होटलों में अस्थाई तौर पर सांसदों के ठहरने की व्यवस्था को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा था.
अगर कोई सांसद अपने आवंटित आवास को तय समय सीमा के भीतर खाली नहीं करता तो उसके खिलाफ सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
300 सांसद ऐसे हैं जो पहली बार चुने गए
नई लोकसभा में 300 सांसद ऐसे हैं जो पहले बार संसद के निचले सदन के लिए चुने गए हैं. इनमें क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने गौतम गंभीर, केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी, सूफी गायक हंस राज हंस और बांग्ला सिनेमा की अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां रूही व अन्य शामिल हैं.
पिछली लोकसभा में 314 सांसद पहली बार निर्वाचित हुए थे.