केजरीवाल ने कहा, 'अंतरिम बजट ने भी दिल्ली को निराश किया. केंद्रीय करों में हमारा हिस्सा 325 करोड़ रुपये पर ही अटका रहा और स्थानीय निकायों के लिए कुछ भी आवंटित नहीं किया गया'
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नई दिल्ली: केंद्रीय बजट को नरेंद्र मोदी सरकार का ‘अंतिम जुमला’ करार देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि इससे दिल्ली को निराशा ही हाथ लगी है. केंद्र ने शुक्रवार को केंद्रीय बजट में दिल्ली के लिए 1,112 करोड़ रुपये आवंटित किए . उसने केंद्रीय करों एवं शुल्को में उसका हिस्सा अपरिवर्तित रखा.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'मोदी सरकार का अंतिम जुमला: उसके अंतरिम बजट ने भी दिल्ली को निराश किया. केंद्रीय करों में हमारा हिस्सा 325 करोड़ रुपये पर ही अटका रहा और स्थानीय निकायों के लिए कुछ भी आवंटित नहीं किया गया. दिल्ली वित्तीय रुप से अपने दम पर चल रहा है.'
मुख्यमंत्री ने टि्वटर पर लिखा, '1. (दिल्ली सरकार ने) शिक्षा एवं स्वास्थ्य में बहुत निवेश किया, 2. न्यूनतम वेतन बढ़ाया और उसे लागू किया, 3. फसल का दाम उसकी लागत का डेढ़ गुणा दिया,4. एकबारगी कृषि कर्जमाफी की. इससे निर्धनतम लोगों की जेब में पैसे पहुंचे, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिला तथा नौकरियां पैदा हुईं. बजट में इनमें से कुछ नहीं है.'
आप ने बजट भाषण को चुनावी भाषण करार दिया
दिल्ली के सत्तारुढ़ दल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बजट भाषण को इस सरकार की विदाई से महज चार महीने पहले उसका चुनावी भाषण करार दिया. आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली के लोगों के साथ सौतेला बर्ताव किया तथा 2001 से ही केंद्र दिल्ली से करों के रुप में करोड़ों रुपये वसूलने के बावजूद महज 325 करोड़ रुपये दे रहा है. वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार यह करीब 70000 करोड़ रुपये होना चाहिए.
(इनपुट - भाषा)