जज बनते ही मुझे और मेरे घरवालों को किया परेशान, विदाई समारोह में बोले CJI रमना
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जज बनते ही मुझे और मेरे घरवालों को किया परेशान, विदाई समारोह में बोले CJI रमना

भारत के 48वें चीफ जस्टिस रहे एन वी रमना आज रिटायर हो गए. उन्होंने अपने विदाई समारोह में अहम बातें कहीं. जस्टिस रमना ने भारत की कानूनी व्यवस्था कर भारतीयकरण की जरूरत पर जोर दिया.

जज बनते ही मुझे और मेरे घरवालों को किया परेशान, विदाई समारोह में बोले CJI रमना

CJI Farewell: भारत के 48वें चीफ जस्टिस रहे एन वी रमना आज रिटायर हो गए. उन्होंने अपने विदाई समारोह में अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा जज बनने के बाद से लेकर न्यायपालिका में सर्वोच्च पद पर पहुंचने तक मेरी दुर्भावनावश समीक्षा होती रही. मैं और मेरा परिवार चुपचाप सहते रहे, लेकिन जीत हमेशा सत्य की होती है. सत्यमेव जयते.

न्यायपालिका के भारतीयकरण पर जोर दिया

जस्टिस रमना ने भारत की कानूनी व्यवस्था कर भारतीयकरण की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ये वक्त की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीयकरण से मेरा आशय है कि हमें भारतीय समाज की व्यवहारिक जरूरतों को समझना होगा. न्याय को स्थानीय स्तर पर सुलभ बनाना होगा.

'कोई एक फैसला न्यायपालिका को आंकने की कसौटी नहीं'

जस्टिस रमना ने कहा कि 75 सालों में हमारी न्यायपलिका लगातार खुद में सुधार लाती रही है और कोई एक गलत आदेश या फैसला न्यायापालिका को आंकने का सही तरीका नहीं हो सकता. जस्टिस रमना ने कहा कि कई ऐसे मौके आए, जब न्यायपालिका लोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये लोगों के हितों के संरक्षक के तौर पर अपनी भूमिका निभाती रही है. उन्होंने कई फैसलों के हवाला देते हुए कहा कि न्यायपालिका ने गलतियों को सुधारने में कभी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई. लोगों की उम्मीद इस संस्था से इतनी कमजोर नहीं होनी चाहिए कि किसी एक गलत आदेश से टूट जाए.

शुरुआती जीवन के संघर्षों को याद किया

विदाई समारोह के मौके पर चीफ जस्टिस रमना ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों के संघर्ष को भी याद किया. उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी की शुरुआत आंध्रप्रदेश के पोन्नवरम गांव में हुई. रोड, बिजली जैसी सुविधाएं वहां उपलब्ध नहीं थी, मैंने बिजली पहली बार तब देखी, जब मैं 12 साल का था. शहम कीचड़ भरे रास्तों से गुजरकर स्कूल जाया करते थे. आज जहां तक मैं पहुंचा, ये रास्ता मुश्किलें भरा रहा है. मैं अपने गुरुओं, प्रोफेसर और माता पिता का आभारी हूं जिनका जीवन पथ पर मुझे हमेशा मार्गदर्शन मिलता रहा.

रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे रमना

चीफ जस्टिस के विदाई समारोह में SG तुषार मेहता ने कहा- उन्हें पता चला है कि CJI रमना रिटायरमेंट के बाद एक रोमंटिक नॉवेल लिखने जा रहे हैं. लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं है, आखिर इसकी प्रेरणा उन्हें कहां से मिली. इस पर सबकी नजरें चीफ जस्टिस पर गईं, तो वो मुस्करा दिए. लेकिन बाद में अपने संबोधन में हल्के अंदाज में चीफ जस्टिस ने उनसे कहा कि आईबी की रिपोर्ट्स की तरह उनकी ये रिपोर्ट भी ठीक नहीं है. वो रोमाटिंक उपन्यास नहीं लिखने जा रहे. अगर वो लिखेंगे तो वो तमिल साहित्य से जुड़ा ही कुछ होगा.

अगले CJI की कुछ ऐसी हैं तैयारियां

गौरतलब है कि 27 अगस्त से देश के 49 वें चीफ जस्टिस के रूप में पदभार संभाल रहे जस्टिस यू यू ललित ने अपनी प्राथमिकताए तय कर ली हैं. उन्होंने इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित चीफ जस्टिस एन वी रमना के विदाई समारोह के दौरान दी.

जस्टिस ललित ने बताई तीन प्राथमिकताएं

जस्टिस ललित ने कहा कि 74 दिन के कार्यकाल में उनकी तीन प्राथमिकताएं रहेंगी.

कोर्ट में दाखिल केस की लिस्टिंग (सुनवाई के लिए लगने की प्रकिया) को ज़्यादा से ज्यादा पारदर्शी किया जाए.

ऐसी व्यवस्था होंगी जिसमे वकील केस की जल्द सुनवाई को लेकर संबंधित बेंच के सामने मांग रख सकेंगे.

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