Bet Dwarka: अवैध मजार,अवैध मकान... बगल में पाकिस्तान! भारत के इस टापू पर बड़ी साजिश का खुलासा
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Bet Dwarka: अवैध मजार,अवैध मकान... बगल में पाकिस्तान! भारत के इस टापू पर बड़ी साजिश का खुलासा

Bet Dwarka Conspiracy: देश के दूर छोर पर स्थित बेट द्वारका टापू पर एक ऐसी महीन साजिश का खुलासा हुआ जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं. यहां अभी इस साजिश का शुरुआती चरण ही था कि इसका खुलासा हो गया.

Bet Dwarka: अवैध मजार,अवैध मकान... बगल में पाकिस्तान! भारत के इस टापू पर बड़ी साजिश का खुलासा

Bet Dwarka Conspiracy: देश के दूर छोर पर स्थित बेट द्वारका टापू पर एक ऐसी महीन साजिश का खुलासा हुआ जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं. यहां अभी इस साजिश का शुरुआती चरण ही था कि इसका खुलासा हो गया. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस चरण में कुछ लोग, ऐसी जमीनों पर कब्जा करके अवैध निर्माण बना रहे थे, जो रणनीतिक रूप से, भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था.

कहां है बेट द्वारका टापू?

सोचिए, भारत में एक ऐसा टापू है, जहां से पाकिस्तान काफी नजदीक है. ये एक ऐसा टापू है, जहां भारतीयों को जाने के लिए भी बोट की मदद लेनी पड़ती है. गुजरात के द्वारका में पड़ने वाला बेट द्वारका, ऐसी ही एक साजिश का शिकार हो रहा था. यहां अवैध निर्माण के जरिए, पक्के ठिकाने बनाए जा रहे थे. ये ठिकाने कौन बना रहा था, क्यों बना रहा था, और अवैध निर्माण का मकसद क्या था, इसके बारे में पुलिस को भी कोई जानकारी नहीं है. पुलिस को भी जब रणनीतिक रूप से अहम, बेट द्वारका में बनाए जा रहे अवैध निर्माण की जानकारी मिली, तो वो चौकन्नी हो गई.

हिंदू धर्म में बेट द्वारका का काफी महत्व

आपमें से बहुत से लोग बेट द्वारका के बारे में नहीं जानते होंगे. पौराणिक कथाओं में बेट द्वारका को भगवान श्रीकृष्ण का घर माना जाता है. मान्यता है कि श्रीकृष्ण अपना राज-काज देखने के लिए द्वारका नगरी आते थे. लेकिन आराम करने के लिए अपने घर बेट द्वारका लौट जाते थे. सुदामा और श्रीकृष्ण की मुलाकात वाला किस्सा तो आपने सुना ही होगा. सुदामा अपने दोस्त श्रीकृष्ण से मिलने जिस जगह गए थे, वो जगह बेट द्वारका ही थी. हिंदू धर्म में बेट द्वारका का काफी महत्व है. जो लोग द्वारकाधीश गए होंगे, वो बेट द्वारका की पौराणिक मान्यता के बारे में जरूर जानते थे.

बेट द्वारका का रणनीतिक महत्व

आइये आपको बाते हैं बेट द्वारका की जमीन पर मज़ार बनाकर रची जा रही एक बड़ी साजिश के बारे में. सबसे पहले हम आपको बेट द्वारका का रणनीतिक महत्व बताते हैं. ताकि आप समझ पाएं कि ये क्यों काफी महत्वपूर्ण जगह है. आपको याद होगा कि वर्ष 2008 में मुंबई अटैक में कसाब की पूरी टीम कराची से मुंबई, समंदर के रास्ते पहुंची थी. कराची से मुंबई की समुद्री दूरी करीब 476 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 883 किमी है. इतनी दूरी, कसाब और उसकी आतंकी टीम ने बोट के जरिए पूरी कर ली थी. और देश को एक ऐसा जख्म दिया था, जो हम आज तक नहीं भूले हैं.

समंदर से घिरा एक छोटा सा टापू

जहां तक बेट द्वारका की बात है, तो ये चारों तरफ से समंदर से घिरा एक छोटा सा टापू है. रणनीतिक रूप से ये इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर रिहायशी इलाके हैं. यहां पर अवांछित लोग, अपना बेस बनाकर, भारत के मुख्य इलाकों में घुसने में कामयाब हो सकते हैं. भारत के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. दरअसल बेट द्वारका और कराची के बीच की समुद्री दूरी करीब 185 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 342 किमी है. देखा जाए ये दूरी मुंबई के मुकाबले काफी कम है. इसीलिए सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि हिंदू धार्मिक स्थल बेट द्वारका में बनाई जा रहे मुस्लिम अवैध निर्माण, पाकिस्तान के आतंकियों के पनाहगाह साबित हो सकते हैं. डर ये भी है कि मौका पाकर ये लोग, भारत के विभिन्न इलाकों में हमला भी कर सकते हैं.

ऐसे रची जा रही साजिश

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक बेट द्वारका और ओखा को जोड़ने वाला सिग्नेचर ब्रिज, अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार होने वाला है. जब से ये ब्रिज बनना शुरू हुआ है, तभी से इस टापू पर एक खास मॉडस ऑपरेंडी के तहत अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. पहले यहां मजार बनाई जाती है, फिर पास में अस्थाई दुकान और मकान बनाए गए. इसके बाद धीरे-धीरे आसपास की खाली जमीन पर कब्जा कर लिया गया. झूठी मजारें बनाने के पीछे वजह यही थी, कि तोड़फोड़ की कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता. सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन जाती, जिससे प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पाता.

नकली मज़ार बनाने के पीछे क्या मकसद?

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, ज्यादातर नकली मजारों और इमारतों का अवैध निर्माण, सिग्नेचर ब्रिज के आसपास और भारतीय कोस्ट गार्ड स्टेशन के ठीक सामने किया गया था. सुरक्षा एजेंसियों को डर ये भी था, कि सिग्नेचर ब्रिज, भविष्य का वो एकमात्र रास्ता होगा, जहां से इस बेट द्वारका टापू पर आवाजाही मुमकिन होगी. ऐसे में अवैध निर्माण में रहने वाले लोग अगर आतंकी हुए तो हमला करने में सक्षम होंगे. इसके अलावा बहुत सारे अवैध निर्माण कोस्ट गार्ड स्टेशन के ठीक सामने किए गए थे. इससे जुड़ा डर ये था कि अवैध निर्माण में रहने वाले लोग भारतीय सेना की सैन्य गतिविधियों पर करीब से नजर रख सकते थे. ये 2 बड़े डर की वजह से ही, प्रशासन ने बेट द्वारका में बड़ी कार्रवाई की. फिलहाल सभी अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया है.

हिंदू आबादी अल्पसंख्यक

ज़ी न्यूज की टीम बेट द्वारका पहुंची, और हमने ये समझने की कोशिश की, कि हिंदू धर्म से जुड़े एक धर्म स्थल पर, नकली मज़ार बनाने के पीछे क्या मकसद था, और देश की सुरक्षा के लिए ये कितना बड़ा खतरा बन सकता था. बेट द्वारका में वैसे तो हिंदू आबादी अल्पसंख्यक है. हालांकि हिंदू और मुस्लिम आबादी की संख्या चिंता का विषय नहीं है, बल्कि चिंता का विषय रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगह पर हो रहे संदिग्ध अवैध निर्माण हैं. खुफिया एजेंसियां ये पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर यहां अवैध निर्माण किसके इशारे पर बनाए गए थे.

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