Shivratri Pooja: महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाने का क्या है मतलब, जानिए इसकी वजह
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Shivratri Pooja: महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाने का क्या है मतलब, जानिए इसकी वजह

Shivratri Pooja: बेल के पत्तेः समुद्र मंथन के समय जब महादेव ने विष पान किया तो उसके प्रभाव से उनका शरीर जलने लगा. इसका प्रभाव कम करने के लिए बेल पत्र का रस महादेव को दिया गया और इसकी छाल घिस कर चूर्ण का लेप किया गया. 

Shivratri Pooja: महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाने का क्या है मतलब, जानिए इसकी वजह

पटनाः Shivratri Pooja:आने वाली 1 मार्च को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि का यह उत्सव प्रकृति पूजा का भी है. शिव पूजा केवल किसी देवता की आराधना नहीं है, बल्कि यह एक प्राकृतिक विधान है जो मनुष्य को यह बताता है कि जीवन में जो भी है सब कुछ प्रकृति है और कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है. सभी का अपना अर्थ है. महादेव को वह सभी तत्व, वनस्पतियां अति प्रिय हैं, जिन्हें रोजाना के जीवन में त्याग दिया जाता है. असल में वह सभी वस्तुएं औषधियां हैं, जिन्हें महादेव ही धारण कर सकते हैं. जानिए क्या है दूध, बेलपत्र, धतूरा, मदार, भांग चढ़ाने का अर्थ-

  1. दूधः महादेव को गाय का शुद्ध कच्चा दूध अति प्रिय है. 
  2. धतूराः धतूरा आम तौर पर जहरीला माना जाता है

दूधः महादेव को गाय का शुद्ध कच्चा दूध अति प्रिय है. इसलिए जिन पंच तत्वों से रुद्राभिषेक बताया गया है. उनमें सबसे प्रमुख दूध शामिल है. दूध एक सम्पूर्ण आहार है. इसमें सभी प्रकार का पोषण है. पोषक तत्व किसी से छिपे नहीं हैं इसलिए यह जीवन का आधार भी है. 

बेल के पत्तेः समुद्र मंथन के समय जब महादेव ने विष पान किया तो उसके प्रभाव से उनका शरीर जलने लगा. इसका प्रभाव कम करने के लिए बेल पत्र का रस महादेव को दिया गया और इसकी छाल घिस कर चूर्ण का लेप किया गया. बेल की छाल, चंदन के समान ही शीतल होती है. इसलिए महादेव को प्रिय है.

धतूराः कांटेदार फल धतूरा आम तौर पर जहरीला और जंगली माना जाता है. लेकिन यह भी तर्क है कि जहर ही जहर को काटता है. इसका भी इतिहास विषपान की घटना से जुड़ा है. धतूरा अपने अंदर कई अमृत रूपी गुणों को समेटे हुए है. आयुर्वेद में यह पुराने बुखार, जोड़ों के दर्द, विष प्रभाव आदि के कष्ट को हरने वाला कारक बताया गया है. 

मदार: महादेव को जो फूल बहुत प्रिय है वह हैं मदार के फूल. सफेद मदार के फूल तो सबसे अधिक प्रिय हैं. यह भी एक औषधीय शीतलक है. इसके अलावा यह आयुर्वेद में जलोदर, पीलिया, हैजा, कालरा और अन्य पेट रोगों का निदान करने वाला है. इसके अनेक औषधीय गुण इसे अमृत जैसा बनाते हैं.

भांगः भगवान शिव को भांग अति प्रिय है. लेकिन आम तौर पर लोगों ने इसे नशा या निश्चेतक के तौर पर उनका प्रिय मान लिया है. लेकिन ऐसा नहीं है. भांग एक घास और झाड़ी नुमा पौधा है. इसके रस के औषधीय गुण इसे महादेव का प्रिय बनाते हैं. इसका अधिक सेवन निश्चेतक प्रभाव उत्पन्न करता है. 

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