नालंदा एसपी अशोक मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें, मानवाधिकार आयोग ने भेजा शो कॉज नोटिस
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नालंदा एसपी अशोक मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें, मानवाधिकार आयोग ने भेजा शो कॉज नोटिस

नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र में जनवरी महीने में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों का मौत हो गई थी. साथ ही दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने एसपी अशोक मिश्रा को शोकॉज नोटिस भेजा गया है.

(फाइल फोटो)

Nalanda: बिहार में लंबे समय से शराबबंदी कानून लागू है. उसके बाद भी राज्य में शराब की तस्करी और लोगों का शराब पीना बंद नहीं हो रहा है. जिसके कारण अक्सर लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है. वहीं, नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र में जनवरी महीने में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों का मौत हो गई थी. साथ ही दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने एसपी अशोक मिश्रा को शोकॉज नोटिस भेजा गया है. 

12 लोगों की हुई थी मौत
जनवरी महीने में नालंदा में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत और दो लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसको लेकर आयोग ने नालंदा के एसपी से स्पष्टीकरण की मांग की है. इसको लेकर आयोग ने पूछा है कि इन मौतों को पुलिस की विफलता क्यों नहीं मानते हैं. जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को 3-3 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.  इस पूरे मामले को लेकर आयोग ने अगले चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. 

6 मामले हुए थे दर्ज
बता दें, कि सोहसराय थाना क्षेत्र के छोटी पहाड़ी, मंसूर नगर, शृंगार हॉट में मकर संक्रांति के दिन स्थानीय शराब तस्करों से लोगों ने शराब खरीदकर पी थी. जिसके बाद सभी लोगों की लगातार तबियत खराब हो गई. सभी की तबीयत इस हद तक बिगड़ गई कि अगली सुबह तक 12 लोगों की मौत हो गई. इस जहरीली शराब कांड में सोहसराय थाना में कुल 6 मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें से 8 लोगों पर हत्या की सुसंगत धारा के तहत केस दर्ज किया गया था. 

11 अप्राथमिक अभियुक्त बनाए गए
जिसके बाद इस पूरे मामले की जांच की गई. जांच के दौरान 11 अप्राथमिक अभियुक्त बनाए गए. जिसके साथ ही हत्यारोपियों की संख्या 19 हो गई. इस मामले में मुख्य आरोपी सुनीता समेत दर्जनों की गिरफ्तारी की गई. जानकारी के मुताबिक शराब तस्करों का मकान सरकारी भूमि पर बना हुआ है. जिसे जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है. 
 
परिजनों ने की मुआवजे की मांग

बताया जा रहा है जहरीली शराब से मरने से वाले सभी लोग मजदूर थे. वहीं, इस घटना के बाद से परिजनों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. हालांकि इसको लेकर जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि मुआवजे की प्रावधान नहीं है.

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