Bihar News: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत इस बार जूट बैग और जूट से बनने वाले अन्य उत्पादों को भी शामिल किया गया है. बाजार में इसकी काफी मांग है, लेकिन यह उद्योग संगठित क्षेत्र में नहीं आता. इसी तरह सोया बड़ी को भी इस बार योजना में शामिल किया गया है.
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पटना: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग विभाग ने इस बार नए उद्योगों को सहायता देने की योजना बनाई है. पहले आटा, सत्तू और बेसन बनाने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दी जाती थी, लेकिन इस बार सूची में नए उद्योगों को शामिल किया गया है. इस योजना में 5 नए उद्योग शामिल किए गए हैं. एक सर्वेक्षण के अनुसार बाजार में एलईडी बल्ब और बिजली के उपकरणों की मांग काफी अधिक है, इसलिए उद्योग विभाग ने इन उद्योगों को योजना में शामिल किया है.
उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाजार में एलईडी बल्ब की मांग बहुत अधिक है और इसका बड़ा हिस्सा बाहर के राज्यों से आता है. एलईडी बल्ब की यूनिट लगाने में ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती, इसलिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत एलईडी बल्ब की यूनिट लगाने के लिए सहायता दी जाएगी. इसके अलावा बिजली के बोर्ड और स्विच बनाने की यूनिट को भी इस योजना में शामिल किया गया है. निर्माण कार्य में छड़ को बांधने वाले लोहे के रिंग को भी इस बार पहली बार योजना में शामिल किया गया है. बाजार में हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि ये रिंग मैनुअल तरीके से बनाए जाते हैं, जिसमें काफी समय लगता है. इसलिए रेडिमेड रिंग तैयार करने की यूनिट स्थापित करने को भी योजना में जगह दी गई है.
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत इस बार जूट बैग और जूट से बनने वाले अन्य उत्पादों को भी शामिल किया गया है. बाजार में इसकी काफी मांग है, लेकिन यह उद्योग संगठित क्षेत्र में नहीं आता. इसी तरह सोया बड़ी को भी इस बार योजना में शामिल किया गया है. पहले मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जिन उद्योगों को सहायता मिली है, उनमें आटा, सत्तू, और बेसन बनाने वाली यूनिटें पहले नंबर पर थीं और रेडिमेड वस्त्र तैयार करने वाली यूनिटें दूसरे नंबर पर थीं. इसके बाद आईटी क्षेत्र और होटल-ढाबे का नंबर आता है. इस योजना का उद्देश्य बिहार वासियों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से अब नए और अधिक उद्योगों को सहायता मिलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बिहार के लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.
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