बिहार से अब तक कितने रेल मंत्री, जेडीयू और लोजपा नेताओं का रेल मंत्रालय पर क्यों है फोकस?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2283134

बिहार से अब तक कितने रेल मंत्री, जेडीयू और लोजपा नेताओं का रेल मंत्रालय पर क्यों है फोकस?

आमतौर पर यह देखा जाता है कि जैसे ही गठबंधन सरकारों का दौर आता है, बिहार के नेताओं की निगाह अकसर रेल मंत्रालय पर केंद्रित हो जाती है. तभी तो अब तक 8 रेल मंत्री बिहार से हो चुके हैं. 

रेल भवन (File Photo)

एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी को नेता चुन लिया गया है और इसके बाद वे राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. संभवत: पीएम मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इस बीच जेडीयू संसदीय दल की बैठक में कई नेताओं ने रेल मंत्रालय की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की. हालांकि, जदयू के वरिष्ठ नेता और मुंगेर से नवनिर्वाचित सांसद ललन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि कैबिनेट में कौन आएगा और कौन जाएगा, यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. अब आइए जानते हैं कि बिहार से कुल कितने रेल मंत्री रह चुके हैं.

READ ALSO: टाइगर जिंदा है... किंगमेकर नीतीश कुमार के लिए पटना में चारों तरफ लगे पोस्टर

रेल मंत्रालय पर चिराग पासवान की भी नजर 

उधर, लोजपा रामविलास की ओर से भी रेल मंत्रालय की ओर ललचाई नजरों से देखा जा रहा है. रेल मंत्रालय का बजट ढाई लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है. ऐसे में पीएम मोदी यह मंत्रालय शायद ही गठबंधन के दलों को देने का जोखिम लें. देश आजाद होने के बाद से अब तक बिहार से 8 रेल मंत्री रह चुके हैं. इनमें से खुद नीतीश कुमार 2 बार रेल मंत्री रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नीतीश कुमार पहले 1998 में रेल मंत्री रहे थे और उसके बाद 2001 में उन्हें एक बार फिर रेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था. 

READ ALSO: नीतीश कुमार ने ऐसा क्या कह दिया कि पीएम मोदी खिलखिलाकर हंस पड़े?

बिहार से कब कौन रेल मंत्री बना 

1962: जगजीवन राम
1969: रामसुभग सिंह 
1973: ललित नारायण मिश्र 
1982: केदार पांडेय 
1989: जॉर्ज फर्नांडीस
1996: रामविलास पासवान 
1998 और 2001: नीतीश कुमार 
2004: लालू प्रसाद यादव 

READ ALSO: बॉलीवुड के बाद अब राजनीतिक मंच पर फिर एक साथ दिखे चिराग और कंगना, ऐसे हुआ आमना-सामना

लालू प्रसाद और रामविलास में मची थी खींचतान

जानकार लोग बताते हैं कि मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल में रेल मंत्रालय को लेकर लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान के बीच खींचतान मची थी. दोनों नेता अड़े हुए थे और कांग्रेस आलाकमान असमंजस की स्थिति में था. हालांकि बाद में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्रालय लेने में कामयाब रहे थे.

READ ALSO: सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के पैर छुए, बोले- मैं तो चाहता हूं आज ही शपथ ले लीजिए

रेल मंत्रालय में शायद न हो बदलाव 

जानकार लोग बताते हैं कि पीएम मोदी का इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी फोकस रहा है और भारतीय रेलवे की हालत सुधारने को लेकर भी पीएम मोदी लगातार प्रयासरत रहे हैं. उनका फोकस वंदे भारत जैसी ट्रेनों को हर रूट पर चलाने को लेकर है. रेलवे के कई सारे प्रोजेक्ट्स को पीएम मोदी ने गति दी है. अभी बुलेट ट्रेन को पटरी पर लाना है और उसका विस्तार भी करना है. निश्चित रूप से पीएम मोदी चाहेंगे कि रेल मंत्रालय गठबंधन के किसी नेता के हाथ में न होकर आशीष वैष्णव जैसे टेक्नोक्रेट के हाथ में हो.

Trending news