Kerala Landslide: केरल वायनाड में कुदरत की विनाशलीला, वैशाली में मचा कोहराम, एक ही परिवार के दो भाई व एक महिला लापता
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Kerala Landslide: केरल वायनाड में कुदरत की विनाशलीला, वैशाली में मचा कोहराम, एक ही परिवार के दो भाई व एक महिला लापता

Kerala Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में 84 लोगों की जान चली गई है, हालांकि आधिकारिक तौर पर केवल 8 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. वहीं 98 लोग अभी भी लापता हैं. इस हादसे का बड़ा असर वैशाली में हुआ है. जहां के आधा दर्जन से अधिक लोग लापता है.

 

केरल वायनाड में कुदरत की विनाशलीला, वैशाली में मचा कोहराम, आधा दर्जन लोग लापता

वैशालीः Kerala Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में कुदरत का कहर देखने को मिला. जहां हुए भूस्खलन से 84 लोगों की जान चली गई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर 8 मौत की पुष्टि हुई है. लेकिन इस हादसे का बड़ा असर केरल हजारों किलोमीटर दूर वैशाली में हुआ है. जहां के आधा दर्जन से अधिक लोग लापता है. जबकि एक युवक घायल है तो वहीं दो लोग इस हादसे में बाल बाल बच गए हैं.

गांव के कई लोग मजदूरी करने के लिए गए थे वायनाड
दरअसल, वैशाली के गोरौल प्रखंड क्षेत्र स्थित पोझा गांव के कई लोग मजदूरी करने के लिए वायनाड गए थे. इसी बीच वहां भूस्खलन हो गया. बताया जा रहा है कि गांव के दुखन पासवान का पुत्र अरुण पासवान इस हादसे में घायल हो गया है. जबकि गांव के ही सुरेंद्र पासवान का पुत्र बिजनेशिया पासवान और उपेंद्र पासवान व उसकी पत्नी फूल कुमारी हादसे का शिकार हो गए है. जिसका कोई पता नहीं चल रहा है.

चाय बागान में काम करने के लिए गए हुए थे वायनाड
इसी परिवार के रिश्तेदार रंजीत पासवान और साधु पासवान भी लापता है जो वैशाली जिले के ही जंदाहा के रहने वाले है और सभी एक साथ वायनाड में रह कर काम धंधा करते थे. हालांकि पोझा गांव के ही धर्मेंद्र राय और राजेश राय इस हादसे में बाल-बाल बच गए है. जिसके बाद इनके परिजनों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि इस गांव के कई लोग चाय बागान में काम करने के लिए वायनाड गए हुए थे.

भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 153 पहुंची
बता दें कि केरल के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 153 पहुंच गई है. 98 लोग अभी भी लापता हैं. बचाव दल क्षतिग्रस्त हो चुके घरों तक पहुंच रहे हैं और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडकाईल और पोथुकालू शामिल हैं. इन इलाकों के स्थानीय लोग जो किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहे, तबाही की भयावहता से बुरी तरह टूट चुके हैं.

बुधवार सुबह फिर से बचाव कार्य में जुटी
सेना, वायु सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, पुलिस, फायर फोर्स और स्थानीय लोगों की बचाव टीमें मंगलवार रात तक बचाव अभियान में जुटी रहीं और बुधवार सुबह फिर से बचाव कार्य में लग गईं। बचाव दल अब जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं. बुधवार को बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए अधिक प्रशिक्षित लोगों को शामिल कर बचाव दल को मजबूत किया जा रहा है. एनडीआरएफ और रक्षा बचाव दल मंगलवार देर रात तक प्रभावित क्षेत्रों में फंसे 500 से अधिक लोगों को निकालने में सफल रहे.

इनपुट- आईएएनएस के साथ

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