द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन पर लावारिस पड़े बैग में सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राजीव रंजन को मिले थे 1.5 लाख रुपए.
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नई दिल्ली: रुपयों से भरा बैग सही हाथों में पहुंचा सीआईएसएफ के एक सब-इंस्पेक्टर ने ईमानदारी की मिशाल पेश की है. मामला द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन का है. 27 मई को सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राजेश रंजन की तैनाती इसी मेट्रो स्टेशन पर थी.
सुबह करीब 9:30 बजे एसआई राजेश रंजन ने आउट पुट रोलर पर एक बैग पड़ा हुआ था. काफी देर तक जब किसी ने इस बैग को नहीं उठाया, तब एसआई राजेश रंजन ने इस बैग के बाबत वहां मौजूद मुसाफिरों से पूछा.
वहां मौजूद सभी मुसाफिरों ने इंकार करते हुए कहा कि यह बैग उनका नहीं है. सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लावारिस मिले बैग की एक बार फिर सुरक्षा जांच की गई. किसी तरह के खतरे का संकेत न मिलने पर सब-इंस्पेक्टर राजेश रंजन ने बैग को खोलकर देखा.
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बैग के भीतर 1.5 लाख रुपए और कुछ कागजात रखे हुए थे. इन कागजात के जरिए पता चला कि यह बैग विकास धवन नामक किसी शख्स का है. एसआई राजेश रंजन ने पहले रुपयों से भरे इस बैग को स्टेशन कंट्रोलर के सुपुर्द किया, फिर विकास धवन से फोन पर बात करने की कोशिश की.
विकास धवन से बातचीत पर पता चला कि वे आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गए हैं और उन्हें फ्लाइट पकड़कर अगले गंतव्य के लिए रवाना होना है. उनके पास इतना समय नहीं है कि वे मेट्रो स्टेशन पर आकर रुपयों से भरा बैग ले सकें.
बातचीत के दौरान विकास धवन ने अपने बेटे ध्रुव धवन को मेट्रो स्टेशन भेजने की बात कही. कुछ देर इंतजार के बाद ध्रुव धवन मेट्रो स्टेशन पहुंच गए. जहां उनकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद रुपयों से भरा बैग उन्हें सौंप दिया गया.