NOIDA NEWS: शिकायतकर्ता किरन नेगी ने दावा किया कि दर्द बंद न होने पर सेकेंड ओपिनियन लेने के मकसद से एक अन्य डॉक्टर से संपर्क किया. मामले का खुलासा होते ही महिला अक्टूबर 2023 में सेक्टर 19 के एक निजी अस्पताल में पहुंची और कैथेटर को हटाने के लिए दूसरा सर्जिकल प्रॉसेस कराया.
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नोएडा के सेक्टर 51 स्थित एक निजी हॉस्पिटल में सर्जरी कराने के लिए आई दिल्ली के एक महिला के पेट में चार महीने बाद 23 सेमी का कैथेटर फंसा हुआ दिखा तो बवाल मच गया. 30 साल की पीड़िता का नाम किरन नेगी है, जो इलाज कराने नोएडा आई थीं. इसी साल अप्रैल में सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में दी शिकायत में क्लाउडनाइन अस्पताल के 3 डॉक्टरों पर 'चिकित्सीय लापरवाही' का आरोप लगाया गया था. फरवरी 2023 में ट्यूमर को हटाने के लिए ऑपरेशन किए जाने के बाद अगले कुछ महीनों में उन्हें गंभीर दर्द होने लगा. उनके गर्भाशय के हिस्से में कुछ फंसा होने की पुष्टि होते ही (प्रारंभिक चिकित्सा जांच के बाद) 6 नवंबर को अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने महिला के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि महिला ने मुआवज़ा मांगने के मकसद से उनके ऊपर केस दायर किया है, ताकि हॉस्पिटल की इमेज को खराब किया जा सके
पीड़िता का दावा
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता किरन नेगी ने दावा किया कि उन्होंने दर्द बंद न होने पर सेकेंड ओपिनियन लेने के लिए एक अन्य डॉक्टर से सलाह ली. मामले का खुलासा होते ही महिला अक्टूबर 2023 में सेक्टर 19 के एक निजी अस्पताल में पहुंची और कैथेटर को हटाने के लिए दूसरा सर्जिकल प्रॉसेस कराया. आपको बताते चलें कि कैथेटर वो लचीली ट्यूब होती है जिसका इस्तेमाल शरीर में मौजूद तरल पदार्थ पहुंचाने या निकालने के लिए किया जाता है.
दूसरी सर्जरी से पहले डॉक्टरों ने पीड़िता का सीटी स्कैन कराया. जिसकी रिपोर्ट में लापरवाही का पता चला था. परीक्षण के बाद आई टेस्ट रिपोर्ट में लिखा था कि कर्विलिनियर ट्यूबलर संरचना, जो संभवत सर्जरी के दौरान किसी चिकित्सक या सर्जन की अनजाने में हुई गलती की वजह से छूट गई होगी. वो ट्यूब पेट की दीवार के पास फंस गई थी. टीओआई के पास महिला की लैब टेस्ट रिपोर्ट की कॉपी भी मौजूद है.