राज्यसभा में उठा शिक्षकों का मुद्दा, हालत पर जताई गई चिंता
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राज्यसभा में उठा शिक्षकों का मुद्दा, हालत पर जताई गई चिंता

राजद के प्रो. मनोज कुमार झा ने देश के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों एवं अतिथि शिक्षकों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर तदर्थ शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक 20-25 साल से इन्हीं पदों पर काम कर रहे हैं और उनकी स्थिति अच्छी नहीं है.

राजद के प्रो. मनोज कुमार झा ने मांग की कि शिक्षकों की गणना की जानी चाहिए.
राजद के प्रो. मनोज कुमार झा ने मांग की कि शिक्षकों की गणना की जानी चाहिए.

नई दिल्ली: शिक्षकों की हालत पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को मांग की गई कि शिक्षकों की गणना की जानी चाहिए, उन्हें वेतन सहित तमाम आवश्यक सुविधाएं दी जानी चाहिए और रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां की जानी चाहिए.

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान राजद के प्रो. मनोज कुमार झा ने देश के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों एवं अतिथि शिक्षकों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर तदर्थ शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक 20-25 साल से इन्हीं पदों पर काम कर रहे हैं और उनकी स्थिति अच्छी नहीं है.

झा ने कहा कि देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षक अनिश्चितता और असुरक्षा की स्थिति में काम कर रहे हैं, यह बेहद चिंताजनक स्थिति है. राजद सदस्य ने कहा निजी शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षकों की हालत शोचनीय है. निजी संस्थानों में वेतन के नाम पर उनसे बड़ी रकम पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं लेकिन उससे कम राशि उन्हें दी जाती है. 

झा ने मांग की कि शिक्षकों की गणना की जानी चाहिए, उन्हें वेतन सहित तमाम आवश्यक सुविधाएं दी जानी चाहिए और रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां की जानी चाहिए. विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया.

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