भारत बायोटेक कोविड-19 की रोकथाम के लिए संभावित टीके 'कोवैक्सीन' का विकास भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर कर रहा है जिसका तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है.
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 की रोकथाम के टीके के विकास की समीक्षा के लिए शनिवार (27 नवंबर) को हैदराबाद के भारत बायोटिक (Bharat Biotech) कार्यालय पहुंचे. तीन शहरों के अपने दौरे के तहत पीएम का दूसरा दौरा हैदराबाद का है. यहां पर प्रधानमंत्री वायु सेना केंद्र से करीब 20 किलोमीटर दूर जीनोम वैली (Genome Valley) स्थित भारत बायोटेक की इकाई पहुंचे.
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यहां पर पीएम का हकीमपेट वायु सेना केंद्र (Hakimpet Air Force station) पर उतरने के बाद तेलंगाना के मुख्य सचिव मुख्य सचिव सोमेश कुमार, पुलिस महानिदेशक महेंद्र रेड्डी और स्थानीय कलेक्टर श्वेता मोहंती ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. भारत बायोटेक कोविड-19 की रोकथाम के लिए संभावित टीके 'कोवैक्सीन' का विकास भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर कर रहा है जिसका तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है.
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भारत बायोटेक से होगा वैक्सीन का प्रोडक्शन
जीनोम वैली (Genome Valley) स्थित भारत बायोटेक की बीएसएल-3 (Bio-Safety Level 3) इकाई में टीके का विकास किया जा रहा है और यहीं इसका उत्पादन किया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री वैज्ञानिकों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से कोवैक्सिन के बारे में जानकारी प्राप्त की. भारत बायोटेक के संयंत्र में करीब एक घंटा बिताने के बाद मोदी पुणे रवाना होंगे जहां वह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) हुए.
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पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट भी पहुंचे पीएम
जानकारी के लिए बता दें कि एसआईआई ने कोविड-19 टीके के लिए वैश्विक दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की है. प्रधानमंत्री यहां एसआईआई परिसर का दौरा किया. हैदराबाद से पहले मोदी ने शनिवार सुबह अहमदाबाद के पास स्थित जाइडस (Zydus) कैडिला के टीका उत्पादन संयंत्र का दौरा भी कर चुके हैं. अब वे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट भी पहुंच चुके हैं.