नागेश्वर राव को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती देने वाली याचिका को किया खारिज
Advertisement
trendingNow1500110

नागेश्वर राव को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती देने वाली याचिका को किया खारिज

न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कॉमन कॉज’ की एक याचिका पर यह फैसला सुनाया जिसने राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी थी. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका का मंगलवार को निपटारा किया. न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा एवं न्यायमूर्ति विनीत सरन की एक पीठ ने कहा कि एक पूर्णकालिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के बाद अब किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.

एनजीओ ने दी थी राव के फैसले को चुनौती
न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कॉमन कॉज’ की एक याचिका पर यह फैसला सुनाया जिसने राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी थी. 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला ने चार फरवरी को निदेशक के तौर पर सीबीआई का प्रभार संभाला था. ऋषि कुमार शुक्ला इससे पहले डीजीपी मध्य प्रदेश पुलिस थे, लेकिन नयी सरकार आते ही उनका तबादला पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में कर दिया गया था.

केन्द्र में वह दो बार तैनात रहे हैं. पहली बार अक्‍टूबर 1992 से दिसंबर 1996 और दूसरी बार मई 2000 से अप्रैल 2005. लेकिन ऋषि कुमार शुक्‍ला और आलोक वर्मा के मामले में एक समानता है. दोनों ने नियुक्‍त‍ि से पहले कभी भी सीबीआई में अपनी सेवाएं नहीं दीं.

आलोक वर्मा और राकेश अस्‍थाना के बीच झगड़े की जड़ भी यही...
आलोक कुमार वर्मा और राकेश अस्थाना में झगड़े की जड़ में आलोक कुमार वर्मा का सीबीआई में पहले काम ना करने का तजुर्बा भी एक बड़ी वजह था. राकेश अस्थाना पहले सीबीआई में विभिन्न पदों पर रह चुके थे और उन्हे एजेंसी में काम करने का तजुर्बा भी था, लेकिन आलोक कुमार वर्मा पहले कभी सीबीआई में नहीं रहे और जिसका खामियाजा उन्हे भुगतना पड़ा.

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news