पुलवामा हमले के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को देश शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) जोन के स्पेशल सीआरपीएफ (CRPF) डीजी जुल्फिकार हसन ने कहा जिन लोगों ने पुलवामा हमले (Pulwama Attack) को अंजाम दिया उनका हिसाब कर दिया गया है. बता दें पुलवामा हमले के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को देश शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है.
लेथेपोरो सीआरपीएफ कैंप में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के बाद डीजी हसन ने कहा, 'पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं को कुछ महीनों के बाद निष्क्रिय कर दिया गया. वे लोग जिन्होंने साजिशकर्ताओं की मदद की थी उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है. जिन लोगों ने हमले को अंजाम दिया था उनका हिसाब किया जा चुका है.'
Zulfiquar Hasan, Special CRPF DG J&K Zone, in Pulwama: Investigation is being done by the National Investigation Agency. It is proceeding in the right direction. As far as I know, they have made huge progress. We've tried our best to take care of martyrs' families. #PulwamaAttack https://t.co/XXhstivAKl
— ANI (@ANI) February 14, 2020
जुल्फीकार हसन ने कहा, एनआईए द्वारा जांच की जा रही है. जहां तक मैं जानता हूं यह सही दिशा में जा रही है. हमले शहीदों के परिवारों को मदद करने की पूरी कोशिश की है. बता दें कि पुलवामा हमले की पहली बरसी के मौके पर श्रीनगर के लेथपोरा में एक स्मारक का उद्घाटन किया गया है. स्मारक में सभी 40 शहीदों के नाम अंकित हैं.
क्या हुआ था 14 फरवरी 2019 को
1.14 फरवरी 2019, को 78 गाड़ियों का काफिला CRPF के 2500 जवानों को लेकर नेशनल हाइवे 44 पर जम्मू से श्रीनगर जा रहा था.
2. काफिला तड़के 3.30 पर जम्मू से निकला था और शाम तक उसे श्रीनगर पहुंचना था. नेशनल हाइवे दो दिन से बंद था यही वजह थी कि काफिले में बड़ी संख्या में वाहन शामिल थे.
3. अवंतिपुरा के पास लेथापोरा में दोपहर करीब 3.15 पर विस्फोटकों से भरी एक कार जवानों को ले जा रही एक बस से टकरा गई. धमाके में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन के 40 जवान शहीद हो गए, जबकि कई घायल हो गए. घायलों को श्रीनगर के बेस अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया.
4. जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और हमलवर आदिल अहमद डार का एक वीडियो भी जारी किया. 22 वर्षीय डार काकपोरा का रहने वाला था और साल भर पहले ही उसने आतंकी संगठन को ज्वाइन किया था.
5. भारत सरकार ने इस कायराना हमले का बदला लेने के लिए आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करने का फैसला किया. 26 फरवरी को 12 मिराज 2000 जेट ने एलओसी पार की और बालकोट में आतंकी ठिकानों पर बमबारी की. भारतीय वायुसेना जैश के ट्रेनिंग कैंपों को मार गिराया जिसमें कई आतंकियों की मौत हो गई.