DU में नए एडमिशन क्राइटेरिया की पहले की जा सकती थी घोषणा: हाईकोर्ट
''इसमें कोई विवाद नहीं है कि आपको समय के साथ तालमेल बिठाना है. शिक्षा मानकों की बेहतरी करने से कोई नहीं रोकता. कोई नहीं कह रहा कि आपका फैसला (संशोधन) सही नहीं है लेकिन इसका समय शायद ठीक नहीं है.''
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नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कुछ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला प्रक्रिया में बदलाव करने के दिल्ली विश्वविद्यालय के हालिया फैसले की घोषणा बहुत पहले की जा सकती थी. न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा, ''इसमें कोई विवाद नहीं है कि आपको समय के साथ तालमेल बिठाना है. शिक्षा मानकों की बेहतरी करने से कोई नहीं रोकता. कोई नहीं कह रहा कि आपका फैसला (संशोधन) सही नहीं है लेकिन इसका समय शायद ठीक नहीं है.''
बीकॉम(ऑनर्स) और बीए(ऑनर्स) अर्थशास्त्र सहित कई स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता मानदंड में संशोधन के दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने यह टिप्पणी की. मामले पर दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा, ''क्या आप (डीयू) एक दिन पहले बदलाव कर सकते हैं? आप छात्रों को तीन महीने पहले नोटिस दे सकते थे.''
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अपने फैसले का बचाव करते हुए विश्वविद्यालय ने कहा कि वह हर साल पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता मानदंड में बदलाव करता है और सूचना बुलेटिन केवल एक शैक्षाणिक वर्ष के लिए होता है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया. डीयू में नामांकन के प्रक्रिया 30 मई को शुरू हुई और यह 14 जून को खत्म हो रही है.
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