दिल्ली पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 148 पासपोर्ट और ठगी के हासिल किए गए रुपयों से खरीदी गई एक वर्ना कार बरामद की है.
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नई दिल्ली: देश में नौजवानों का एक बड़ा वर्ग है जो विदेशों में रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं. विदेशों में नौकरी की चाहत रखने वाले इन नौजवानों को झांसे लेकर कुछ गिरोह ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे हैं. दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अब तक विदेश में नौकरी की चाहत रखने वाले 200 लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है. दिल्ली पुलिस ने पहले इस गिरोह के सरगना इशप्रीत सिंह को पंजाब के जीरकपुर से गिरफ्तार किया, फिर इसकी निशानदेही पर गिरोह के तीन अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों की पहचान करण कुमार (28), पलक सचदेवा (22) और आकांक्षा(22) के रूप में हुई है. इनके कब्जे से पुलिस ने 148 पासपोर्ट, एक वर्ना कार, 13 मोबाइल फोन और 35 सिम कार्ड बरामद किए हैं.
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि सीकर (राजस्थान) के रहने वाले विजय कुमार ने जनकपुरी थाना पुलिस को शिकायत देकर बताया कि ऑन लाइन विज्ञापन के जरिए उन्होंने ब्लैक स्टोन इमीग्रेशन सर्विसेस से विदेशी में नौकरी के लिए संपर्क किया था. जिसके बाद, उन्होंने विजय को मिलने के लिए जनकपुरी स्थिति दफ्तर में बुलाया. मुलाकात के दौरान, आरोपियों ने विजय को कनाडा में नौकरी दिलाने का वादा किया. इसके एवज में उन्होंने 1.25 लाख रुपए और पासपोर्ट की मांग की. विदेश में नौकरी के लालच में विजय ने अपना पासपोर्ट और 1.25 लाख रुपए आरोपियों को सौंप दिया. कुछ दिनों बाद संपर्क करने पर सभी आरोपियों का मोबाइल नंबर बंद आया. दिल्ली आने पर पता चला कि आरोपी अपना दफ्तर बंद करके फरार हो चुके हैं. जिसके बाद, उसने इस मामले की जानकारी जनकपुरी थाना पुलिस को दी.
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पंजाब में छिपे बैठे थे आरोपी
पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि विजय कुमार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए नंबरों की मदद से आरोपियों के बाबत पता लगाने की कोशिश की गई. करीब पांच महीने की कड़ी मेहनत के बाद हृयूमन एण्ड टेक्नोलॉजी सर्विलांस के जरिए आरोपियों को जीरो इन किया गया. जांच के दौरान पता चला कि लोगों से ठगी करने के बाद आरोपी पंजाब में छिपे हुए हैं. जिसके बाद, पुलिस ने पंजाब के जीरकपुर से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 148 पासपोर्ट सहित अन्य चीजें बरामद की गईं; पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह अब तक 200 लोगों को अपना शिकार बनाकर 60 से 70 लाख रुपए कमा चुका है.
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22से 28 साल के बीच है सभी आरोपी
आपको जानकार हैरानी होगी कि 200 लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 70 लाख रुपए की ठगी करने वाले चार आरोपियों में तीन आरोपी की उम्र महज 22 साल है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 22 वर्ष की दो युवतियां भी शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, 22 वर्षीय इशप्रीत सिंह ने पटियाला कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है. डिप्लोमा हासिल करने के बाद उसने दिल्ली की एक फर्म में बतौर कंसल्टेंट काम करना शुरू किया. पंजाब से जुड़ा होने के चलते इशप्रीत को पता था कि वहां के नौजवान विदेशी जाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. इसी बात का फायदा उठाकर उसने आकांक्षा, पलक और करण के साथ मिलकर धोखाधड़ी का काम शुरू कर दिया.