DRDO New Rifle: PAK- चीन हो जाएं अलर्ट, भारतीय सेना को मिलने जा रही है ये बेहद खतरनाक राइफल, आधा किमी दूर से उड़ा देगी परखच्चे
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DRDO New Rifle: PAK- चीन हो जाएं अलर्ट, भारतीय सेना को मिलने जा रही है ये बेहद खतरनाक राइफल, आधा किमी दूर से उड़ा देगी परखच्चे

DRDO New Rifle: भारतीय सेनाएं अब और घातक होने जा रही हैं. सैनिकों को अब ऐसी खतरनाक राइफल मिलने जा रही है, जो आधा किमी दूर से दुश्मनों के परखच्चे उड़ा देगी.  

DRDO New Rifle: PAK- चीन हो जाएं अलर्ट, भारतीय सेना को मिलने जा रही है ये बेहद खतरनाक राइफल, आधा किमी दूर से उड़ा देगी परखच्चे

DRDO New Rifle Ugram Features: हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बन रहे भारत ने मंगलवार को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 'उग्राम' (Ugram) नाम से एक स्वदेशी असॉल्ट राइफल लॉन्च की है. इस देसी राइफल को बनाने का मकसद सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक और राज्य पुलिस इकाइयों की ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करना है. 7.62 x 51 मिमी कैलिबर वाली राइफल को एक निजी उद्योग भागीदार के सहयोग से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है.

आधा किमी दूर तक उड़ा देगी धज्जियां

रिपोर्ट के मुताबिक इस देसी राइफल के पहले ऑपरेशनल प्रोटोटाइप को पुणे में DRDO के आर्मामेंट एंड कॉम्बैट इंजीनियरिंग सिस्टम्स में लॉन्च किया गया. इसकी मारक क्षमता 500 मीटर है और इसका वजन चार किलोग्राम से कम है.

प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से तैयार हुई राइफल

आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) ने बयान जारी करके कहा, 'आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एआरडीई) ने प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से 7.62x51 मिमी असॉल्ट राइफल यूजीआरएएम विकसित की है. इस राइफल को ARDE के महानिदेशक डॉ. एसवी गाडे ने लॉन्च किया.' 

अब कई महीनों तक चलेगा ट्रायल

DRDO अधिकारियों के मुताबिक 4 किलोग्राम से कम वजन की यह राइफल सेना की खास जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है. राइफल को हर मौसम और इलाके में प्रभावी बनाने के लिए स्टील का इस्तेमाल किया गया है. प्रोटोटाइप राइफल की लॉन्चिंग के वक्त आर्मी और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी संस्थान में मौजूद थे. अब इस राइफल का उत्पादन शुरू करने से पहले उसे उसका ट्रायल करने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति को सौंपा जाएगा

पुणे बनेगा छोटे हथियारों का हब

DRDO अधिकारियों के मुताबिक देश में छोटे हथियारों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पुणे में स्टेट ऑफ द आर्ट उत्पादन केंद्र शुरू किया है. जहां पर छोटे बैरल के हथियार बनाए जा रहे हैं. इन सुविधाओं को प्राइवेट फर्म के साथ भी शेयर किया जा रहा है. महानिदेशक ने बताया कि यह सेंटर भविष्य में डीआरडीओ की ओर से बनाए जाने वाले छोटे हथियारों के डिजाइन, डेवलपमेंट और उत्पादन का हब बनेगा. 

शिद्दत से महसूस की जा रही थी जरूरत

बताते चलें कि भारत की तीनों सेनाओं और अर्ध सैनिक बलों में एके-47 राइफल बड़े पैमाने पर यूज की जाती है. यह रूस में बनी हुई राइफल है, जिसकी मारक क्षमता 300 मीटर है. इसकी जबरदस्त मारक क्षमता की वजह से भारत समेत कई देशों की सेनाएं इसे यूज कर रही हैं. उग्राम से पहले भारत ने इनसास नाम की राइफल बनाई थी. लेकिन उसके बारे में शिकायत रही है कि लगातार फायरिंग के बाद उसकी बैरल गरम हो जाती है. जिसके बाद उसे रिप्लेस नई राइफल बनाने की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही थी. 

(एजेंसी ANI)

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