DNA Analysis: मैनपुरी में मिले 4 हजार साल पुराने हथियार, क्या महाभारत काल से है कनेक्शन?
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DNA Analysis: मैनपुरी में मिले 4 हजार साल पुराने हथियार, क्या महाभारत काल से है कनेक्शन?

DNA Analysis: देश की राजधानी दिल्ली से सिर्फ 240 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के एक गांव में ऐसा ही हुआ. इस गांव का नाम है गणेशपुर और यहां एक किसान को खेतों में खुदाई करते वक्त 4 हजार साल पुराने हथियार मिले हैं.

DNA Analysis: मैनपुरी में मिले 4 हजार साल पुराने हथियार, क्या महाभारत काल से है कनेक्शन?

DNA Analysis: आज आप जिस क्षेत्र और स्थान पर रहते हैं, वहां चार से पांच हजार साल पहले कौन रहता था, अगर आपको ये पता चल जाए तो आपको अपने पूर्वज और अपनी संस्कृति के बारे में सारी जानकारियां मिल जाएंगी. देश की राजधानी दिल्ली से सिर्फ 240 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के एक गांव में ऐसा ही हुआ. इस गांव का नाम है गणेशपुर और यहां एक किसान को खेतों में खुदाई करते वक्त 4 हजार साल पुराने हथियार मिले हैं.

कॉपर Age की सभ्यता के हैं हथियार

ये किसान अपनी जमीन को समतल करके उन्हें बाकी खेतों के बराबर करना चाहता था और इसके लिए इसने अपने खेतों में खुदाई करना शुरू किया और जब यहां खुदाई की गई तो इस दौरान जमीन के नीचे कुल 79 हथियार मिले, जो Copper Age के बताए जा रहे हैं. अब तक सिंधु घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं, उसे सबसे पुरानी सभ्यता माना जाता था. ये Bronze Age की सभ्यता थी. जिसमें पीतल की खोज हुई थी. लेकिन मैनपुरी में जो हथियार मिले हैं, वो Copper Age की सभ्यता के हैं, जो चार हजार साल पुरानी बताई जाती है.

द्वापर युग के समय के हैं हथियार?

इस सभ्यता को गंगा घाटी की सभ्यता भी कहा जाता है, जो द्वापर युग के आसपास की है. यानी वही द्वापर युग, जब महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. एक और बात सिंधु घाटी सभ्यता एक शहरी सभ्यता थी, जिसमें हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे शहर विकसित हुए थे और उस समय मोहनजोदड़ो शहर की आबादी 40 से 50 हजार के आसपास थी. लेकिन मैनपुरी में जो हथियार मिले हैं, वो बताते हैं कि गंगा घाटी सभ्यता भी अपने काल में काफी आधुनिक रही होगी और हिन्दू धर्म में इस समय काल को कई युद्धों के रूप में परिभाषित किया गया है.

इसलिए हो सकता है कि जिन लोगों ने ये हथियार इस्तेमाल किए हों, वो कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत के युद्ध में भी लड़े हों

क्या कहते हैं सबूत और तथ्य?

बड़ी बात ये है कि भारत के इतिहास को तथ्यों से ज्यादा काल्पनिक दृष्टि से देखा जाता है. दुनियाभर के इतिहासकार भारत की सांस्कृतिक विरासत और सभ्यताओं को संदेह की नजर से देखते हैं लेकिन सबूत और तथ्य बताते हैं कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने कई सभ्यताओं से यहां तक का सफर तय किया है.

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