SC में चिदंरबम की अग्रिम जमानत याचिका का ED ने किया विरोध, गुरुवार को जारी रहेगी सुनवाई
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SC में चिदंरबम की अग्रिम जमानत याचिका का ED ने किया विरोध, गुरुवार को जारी रहेगी सुनवाई

बुधवार को सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम 'विक्टिम कार्ड' खेल रहे हैं. प्रक्रिया के मुताबिक ही जांच हो रही है.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: ईडी केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार की सुनवाई पूरी हो गई है. ईडी की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलीलें रखीं. गुरुवार को 11.30 पर सॉलिसिटर जनरल बहस जारी रखेंगे. 

बुधवार को सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम 'विक्टिम कार्ड' खेल रहे हैं. प्रक्रिया के मुताबिक ही जांच हो रही है. ईडी को लगता है कि हिरासत में लेकर पूछताछ ज़रूरी है. उन्‍होंने कहा कि जांच रिपोर्ट चिदंबरम के साथ साझा तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि कि चार्जशीट दाखिल नहीं हो जाती. 

तुषार मेहता ने कहा कि यह सिर्फ अग्रिम ज़मानत का मामला है, भ्रष्टाचार का आरोप अलग होता है, पैसों को गलत तरीके से विदेश भेजने एवं वहां से लाने का आरोप अलग है और दोनों की अलग-अलग जांच होती है.

तुषार मेहता ने ADM जबलपुर फैसले को कोर्ट के सामने रखा. उन्‍होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग काफी चतुर व्यक्तियों द्वारा ही किया जाता है, इसमें आदमी इस प्रकार के अपराध में नही शामिल होता इसलिए अपराध की गंभीरता को समझना चाहिए. जबकि ये मामला महज अग्रिम जमानत का है. इस अपराध में मनी ट्रैल को पकड़ना जरूरी होता है लेकिन इससे जुड़े सबूत इकट्ठा करना काफी मुश्किल काम है.

तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कि सील कवर रिपोर्ट देते हुए कहा कि उसको देखकर चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर फैसला दें. मनी लॉन्ड्रिंग कभी भी हीट ऑफ द मूवमेंट में नही होती. ये बेहद चालाकी से किया जाता है. ज्यादातर मनी लॉन्ड्रिंग डिजिटल ऑपरेशन की तरह है. ये रेप की तरह मामला नहीं है कि फोरेंसिक टीम खून का सैंपल कलेक्ट कर सके.

 

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