देश में पहली बार लोकसभा चुनाव फरवरी, 1952 में हुए थे. वहीं, हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर, 1951 में मतदान हुआ था.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है. देशभर में 11 अप्रैल से शुरू होने वाला चुनावी समर एक माह से भी अधिक समय तक चलेगा. सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी. इन सबके बीच राजनीतिक दलों के साथ ही भारत के सबसे बुजुर्ग और देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी ने भी कमर कस ली है. 102 साल की उम्र में भी मतदान के लिए उनका जोश देखते ही बनता है.
#WATCH ANI Multimedia Feed: India’s oldest voter 102-yr-old Shyam Saran Negi of Himachal is all set to vote again, says "I'm happy that I'll get to cast vote once again." The 4 Parliament constituencies of the state will undergo polling on 19 May in the seventh phase of polling. pic.twitter.com/wGwREi8h7B
— ANI (@ANI) March 12, 2019
युवाओं के साथ चुनूंगा देश के लिए एक अच्छी सरकार- नेगी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में रहने वाले 102 वर्ष के श्याम सरण नेगी सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की वीडियो में नेगी ने कहा कि 17वीं लोकसभा के चुनाव में वह एकबार फिर से मतदान करने के लिए बेहद उत्साहित हैं. नेगी ने कहा कि युवाओं के साथ मिलकर वह एक अच्छी सरकार बनाने की कोशिश करेंगे. श्याम सरण नेगी आज भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने का काम कर रहे हैं. साथ ही वोट की अहमियत समझाने का काम करते हैं. नेगी के परिवार का दावा है कि उन्होंने अबतक 16 लोकसभा और 12 विधानसभा चुनावों में अपने वोट का इस्तेमाल किया है.
1951 में डाला था पहली बार वोट
बता दें कि देश में पहली बार लोकसभा चुनाव फरवरी, 1952 में हुए थे. वहीं, हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर, 1951 में मतदान हुआ था. इसके पीछे कारण यह था कि राज्य में सर्दी के मौसम में बर्फबारी के बीच मतदाताओं का मतदान केंद्र पर पहुंचना बहुत मुश्किल था. इसके चलते ही यहां पांच महीने पहले ही चुनाव करवा लिए गए थे. तब अक्टूबर, 1951 में श्याम सरण नेगी ने भी मतदान किया था.
मतदान के लिए करते हैं जागरुक
वहीं, चुनाव आयोग भी हर चुनाव में श्याम सरण नेगी को मतदान के लिए पुरस्कृत करना नहीं भूलती है. चुनाव आयोग नेगी को उदाहरण के तौर पर पेश कर मतदाताओं को जागरुक भी करता है. उन्होंने बताया कि वह जब भी वोट देने जाते हैं तो, अधिकारी उनका सम्मान करते हैं. बाकयदा ढोल-नगाड़ों के बीच उन्हें मतदान करने ले जाते हैं.